
मकर संक्रांति की मान्यता दो दिन होने के कारण रविवार को भी लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा-यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। शाम से ही श्रद्धालुओं का रेला संगम की रेती पर पहुंचने लगा था। बाहर से जो श्रद्धालु स्नान करने के लिए मेले में आए हैं उन्होंने 14 जनवरी को स्नान के बाद 15 जनवरी को भी संगम में डुबकी लगाकर घाट पर मौजूद दीन हीनों को दान दिया।

Magh Mela : मकर संक्रांति पर संगम तट पर तैनात घुड़सवार सिपाही।