हाउडी मोदी से भारत की छवि होगी और मजबूत, ट्रंप भी देख रहे अपना फायदा

ह्यूस्टन , अमेरिका के ह्यूस्टन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘हाउडी मोदी’ (Howdy Modi) इवेंट भारतीय प्रवासियों को लुभाने का एक और प्रयास है. नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) दुनिया भर में प्रवासी भारतीयों को अपनी ओर लुभा रहे हैं और अमेरिका में भी ऐसा ही हो रहा है. अमेरिका में भारतीय मूल ताकतवर समुदाय में से है. इसलिए प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) का खुद के लिए और भारत के लिए उनका समर्थन जुटाना स्‍वाभाविक है.
देखा जाए तो ये पीएम मोदी (PM Modi) का सीक्रेट हथियार है. पिछले पांच साल में वह जिस देश में भी गए हों, वहां पर उन्‍होंने एक अच्‍छा माहौल बनाने और दिखाने के लिए इसका इस्‍तेमाल किया है. वहीं वीजा नियमों में ढील देकर उन्‍होंने भारतीय प्रवासियों को खुश किया है. ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और ओसीआई व पीआईओ कार्ड को मिलाकर उन्‍होंने प्रवासियों को राहत दी है.
पिछले महीने जब पेरिस में जी-7 समिट के इतर पीएम मोदी और अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप (Donald Trump) की मुलाकात हुई थी, तब मोदी ने उन्‍हें हाउडी मोदी कार्यक्रम में आने के लिए कहा था. राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के इस कार्यक्रम में आने के पीछे उनके अपने फायदे हैं. सभी जानते हैं कि अगले साल अमेरिका में राष्‍ट्रपति चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में इस कार्यक्रम में आकर वह भारतीय समुदाय को अपनी ओर लुभाने का प्रयास करेंगे.


भारतीय समुदाय पर ट्रंप की नजर
एक तरह से देखा जाए तो हाउडी मोदी कार्यक्रम मोदी और ट्रंप दोनों के लिए एक फायदे का सौदा है. मोदी के लिए देखा जाए तो वह यहां पर दुनिया के सबसे ताकतवर नेता के साथ मंच शेयर करेंगे. यहां पर वह अपने घरेलू और अंतरराष्‍ट्रीय प्रतिष्‍ठा को बढ़ा सकेंगे. यहां पर उन्‍हें कश्‍मीर मुद्दे पर भी थोड़ी सी राहत मिल सकती है. जो कि पाकिस्‍तान और इमरान खान पहले भी उठाते रहे हैं और इसी महीने यूएन जनरल असेंबली में उठा सकते हैं.
ट्रंप की निगाहें अगले साल राष्‍ट्रपति चुनाव को जीतने पर लगी हैं. इसके लिए वह ज्‍यादा से ज्‍यादा समर्थन चाहते हैं. वह इस कार्यक्रम में सबसे प्रभावशाली भारतीय समुदाय को प्रभावित करना चाहते हैं. अमेरिका में हाल में हुए ओपिनियन पोल में ट्रंप की घटती लोकप्रियता उनके लिए चिंता की बात है, जिसे वह कम करना चाहते हैं.
ट्रंप इस भारतीय अमेरिकियों से समर्थन के अलावा डोनेशन की भी उम्‍मीद में हैं. भारतीय समुदाय ने इंटरनेट और कंप्‍यूटर क्रांति से अमेरिका में संपत्‍ति बनाई है. अमेरिका में ये चीन और फिलीपींस के बाद भारतीय लोगों का समूह तीसरा सबसे बड़ा एशियाई समूह है.

प्रवासी भारतीयों को क्‍यों लुभाना चाहते हैं मोदी
अब सबसे बड़ा सवाल है कि मोदी प्रवासी भारतीयों को क्‍यों लुभाना चाहते हैं. उनके आलोचक कहते हैं कि प्रधानमंत्री दुनिया में ब्रांड मोदी को स्‍थापित करने में लगे हैं. दुनिया में मिल रहे समर्थन से ये स्‍पष्‍ट है कि पीएम मोदी की स्‍थिति बहुत अच्‍छी है. उनकी विदेश नीति में ये संबंध सबसे अहम कड़ी हैं. इसीलिए उन्‍होंने विदेशों में भारतीय दूतावासों से कहा है कि वह प्रवासियों से जुड़े मुद्दों को प्रमुखता से देखें. मोदी को स्‍पष्‍ट तौर पर लगता है देश की तरक्‍की और खुद की इमेज के लिए प्रवासियों की ताकत का इस्‍तेमाल किया जाना चाहिए.
ऐसा नहीं है कि बीजेपी को विदेशों में प्रवासी भारतीयों का समर्थन नहीं है. लेकिन पिछले पांच साल में मोदी इसे और आगे लेकर गए हैं. अमेरिका में भारतीयों ने अकेडेमिक, बिजनेस, अमेरिकी सरकार और राजनीति में अच्‍छी पकड़ बना रखी है. अमेरिका में 30 लाख भारतीय हैं. PEW research survey के अनुसार अमेरिका में भारतीयों की सालाना आय औसतन 89000 हजार डॉलर है. वहीं अमेरिकी लोगों की आय 50000 डॉलर प्रति वर्ष है.
देखा जाए तो कांग्रेस के मुकाबले बीजेपी विदेशों में बसे भारतीयों का समर्थन अपने लिए ज्‍यादा जुटाती रही है. इस दिशा में संघ परिवार ने दशकों से काम किया है. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने तो अमेरिका में प्रवासी भारतीयों के लिए ‘एंबेसडर एट लार्ज’ की नियुक्‍ति की बात कही थी, लेकिन तब अमेरिका ने उस बात को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि एक देश में दो राजदूत की जरूरत नहीं है.
भारतीय विदेश नीति में प्रवासियों को एक अहम टूल के रूप में इस्‍तेमाल करना मोदी की बड़ी जीत रही है. बीजेपी बहुत पहले से ये मानती रही है कि विदेशों में बसा भारतीय समुदाय विदेश नीति का अहम हिस्‍सा होते हैं. इसके मुकाबले कांग्रेस इस दिशा में पीछे रही है. उसने कभी इस मुद्दे को इतना महत्‍व नहीं दिया. उदारीकरण के बाद ये माना गया कि व्‍यापार, निवेश और राजनयिक संबंधों में प्रवासियों का बड़ा योगदान है. इनकी ताकत का अंदाजा उस समय लगाया गया जब पोकरण परमाणु धमाकों के बाद दुनिया ने भारत पर प्रतिबंध लगा दिए. उस समय प्रवासी भारतीयों ने देश की खूब मदद की.
मोदी की प्रवासी भारतीयों की नीति के कारण दुनिया भर में भारत की तस्‍वीर और चमकदार हुई है. मोदी के लिए ये प्रवासी संपत्‍ति के समान हैं. हाउडी मोदी कार्यक्रम इसे और आगे ले जाने की दिशा में एक कोशिश है.

जानिए पीएम मोदी के पूरे दौरे का शिड्यूल- 

22 सितंबर 2019 (ह्यूस्टन): 
अमेरिकी ऊर्जा कंपनियों की सीईओ के साथ राउंड टेबल बैठक। 
हाउडी मोदी कार्यक्रम को पीएम मोदी संबोधित करेंगे, जिसमें करीब 50 हजार भारतीय-अमेरिका शामिल होंगे। इस दौरान पीएम मोदी के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी मौजूद रहेंगे। 
अमेरिका कांग्रेस के सदस्यों के साथ बातचीत का सत्र

23 सितंबर 2019 (न्यूयॉर्क)
यूएन क्लाइमेट चेंज समिट में संबोधन
यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज पर यूएन में संबोधन
आतंकवाद पर कई राष्ट्राध्यक्षों के साथ बैठक

24 सितंबर 2019:  
संयुक्त राष्ट्र महासचिव द्वारा लंच का आयोजन
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ द्वीपक्षीय बैठख
भारत-प्रशांत द्वीप राज्यों के 12 राज्यों के नेताओं के साथ बैठक
महात्मा गांधी जयंती से संबंधित एक कार्यक्रम में शिरकत
मोदी ग्लोबल गोलकीपर गोल अवार्ड रिसीव करेंगे। 

25 सितंबर 2019: 
ब्लूमबर्ग ग्लोबल बिजनेस फोरम में संबोधन
अमेरिका की 40 कंपनी के सीईओ के साथ राउंडटेबल बैठक

27 सितंबर 2019: संयुक्त राष्ट्र महासभा में पीएम मोदी का संबोधन

‘टेक्सस इंडिया फोरम (टीआईएफ) के प्रवक्ता प्रीति डावरा, गितेश देसाई और ऋषि भुटाडा ने शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन में समारोह के बारे में बात करते हुए बताया कि समारोह से क्या उम्मीद करनी चाहिए और क्यों ह्यूस्टन को इस भव्य समारोह के लिए चुना गया। डावरा ने कहा, ” यह समारोह अमेरिका और भारत की संस्कृति तथा एकता का भव्य जश्न है, जहां मौजूद लोग मोदी से अमेरिका में 30 लाख से अधिक भारतीय-अमेरिकियों की मौजूदगी से मजबूत हुए अमेरिका-भारत के संबंधों और वह दूसरी बार सत्ता में आने के बाद सतत विकास के अपने दृष्टिकोण को रेखांकित करेंगे।

उन्होंने कहा, ” इतिहास में पहली बार विश्व के दो बड़े लोकतांत्रिक देशों के नेता मजबूत साझेदारी को विकसित करने के अपने संकल्प को पूरा करने के लिए ऐसे समारोह में एकसाथ शिरकत करेंगे। एनआरजी के सभी दरवाजें सुबह छह बजे खोल दिए जाएंगे और सुबह नौ बजे तक 50,000 लोगों को अपने स्थान पर बैठना होगा। इसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम शुरू किया जाएगा जो सुबह साढ़े 10 बजे तक चलेगा। इसका प्रसारण हिंदी, अंग्रेजी, स्पेनिश भाषा में किया जाएगा। इसके बाद दोनों नेता सभा को संबोधित करेंगे। समारोह साढ़े 12 बजे तक चलेगा। समारोह के बाद मोदी एक सामुदायिक भोज में शामिल होंगे। इसके बाद वह संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र और अन्य कार्यक्रमों में शिरकत करने के लिए न्यूयॉर्क के लिए रवाना होगें।

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