आयुर्वेद में हर तरह की बीमारी का संपूर्ण ईलाज मौजूद है। प्राकृतिक औषधियों के प्रयोग से कई तरह के असाध्य रोगों को साधने में आयुर्वेद ने सफलता पाई है। इन्हीं प्राकृतिक औषधियों में से एक औषधि है ब्राह्मी। ब्राह्मी को ‘ब्रेन बूस्टर’ के नाम से भी जाना जाता है। यह गीली मिट्टी में अपने आप उगती है। इसमें छोटे-छोटे पर्पल या फिर सफेद फूल भी लगते हैं, जिनमें ज्यादा से ज्यादा पांच पंखुड़ियां होती हैं। फूलों सहित यह पौधा गुणकारी औषधि के रूप में प्रयोग में लाया जाता है। ब्राह्मी याद्दाश्त बढ़ाने का बेहतरीन निदान है। यह दिमाग के तीनों पहलुओं शॉर्ट टर्म मेमोरी, लांग टर्म मेमोरी और याद्दाश्त को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।ब्राह्मी को ‘ब्रेन बूस्टर’ के नाम से भी जाना जाता है।
आज हम ब्राह्मी के कई अन्य फायदों के बारे में आपको बताने जा रहे हैं।
1. ब्राह्मी कोर्टिसोल के स्तर को कम करने के लिए जानी जाती है, जो कि एक स्ट्रेस हार्मोन है। इसका प्रयोग तनाव और चिंता को कम करने के लिए किया जाता है। यह तनाव के प्रभावों को खत्म करने का काम करता है।
2. ब्राह्मी में एमिलॉइड यौगिक के पाए जाने की वजह से यह अल्जाइमर्स की बीमारी में काफी फायदेमंद होता है। इसके अलावा यह अल्जाइमर की वजह से दिमाग को होने वाले नुकसान से बचाने में मदद करता है।
3. ब्राह्मी में भरपूर मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट पाया जाता है जो कि एक स्वस्थ जीवन के लिए बेहद जरूरी है। यह शरीर के उन तत्वों को जड़ से खत्म करने का काम करता है जो कैंसर सेल्स को बढ़ने में मदद करते हैं।
4. ब्राह्मी के नियमित सेवन से पाचन संबंधी दिक्कतें भी दूर होती हैं, तथा पाचन तंत्र काफी मजबूत हो जाता है।
5. ब्राह्मी आर्थराइटिस से आराम पाने के लिए बेहतरीन नुस्खा है। इसके साथ- साथ यह गैस्ट्रिक अल्सर और बॉउल सिंड्रोम से भी बचाव करने में हमारी मदद करता है।
6. शरीर में ब्लड शुगर लेवल को सही तरीके से रेगुलेट करने में भी ब्राह्मी अहम योगदान देता है। इसके साथ ही साथ यह हाइपोग्लिसीमिया के लक्षणों से भी आराम दिलाने में सहायक है।
7. बालों में डैंड्रफ या फिर खुजली की समस्या भी ब्राह्मी के प्रयोग से ठीक हो सकती है। तमाम तरह की सौंदर्य समस्याओं में ब्राह्मी का प्रयोग औषधि के रूप में किया जाता है। इसमें मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट्स शरीर से टॉक्सिंस को बाहर निकालने का काम करते हैं।