नई दिल्ली : विधानसभा चुनाव वाले राज्यों में बड़े पैमाने पर कोरोना संक्रमण के नए मामलों का सामने आना केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के लिए बड़ी चिंता का कारण बनता जा रहा है. गोवा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के एक्टिव मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. इसके बावजूद पाबंदियों के साथ विधानसभा चुनाव का एलान किया गया है, लेकिन कोविड-19 के नए मामलों में तेजी से हो वृद्धि चिंता का सबब है. चुनावी राज्यों के अलावा कुछ गैर-चुनाव वाले राज्यों में भी कोरोना के एक्टिव मामलों में भारी वृद्धि दर्ज की गई है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में पिछले सात दिनों में सक्रिय मामलों की संख्या में 14.01 गुना बढ़त देखी गई. सात दिन पहले यूपी में 3,173 सक्रिय मामले दर्ज किए गए थे. गुरुवार को यूपी में कुल 44,466 कोरोना केस एक्टिव पाए गए.
राज्यों को सुझाव देती है केंद्र सरकार
गोवा और पंजाब में भी सक्रिय कोरोना केस तेजी से बढ़ रहे हैं. गोवा में एक्टिव कोरोना केस 4.35 गुना की दर से बढ़ रहे हैं, जबकि पंजाब में कोरोना केस बढ़ने की दर 8.65 गुना है. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक ओडिशा समेत तीन अन्य राज्यों में भी कोरोना संक्रमण के सक्रिय मामलों में उछाल देखा गया है. कोरोना के हालात पर स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि सक्रिय मामलों की संख्या गंभीर चिंता का विषय है. अग्रवाल ने कहा, ‘हम संबंधित राज्य सरकार के लगातार संपर्क में हैं. हम नियमित समीक्षा बैठक भी करते हैं और उन्हें संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए सुझाव देते हैं.’
कोरोना से बचाव के उपाय सख्ती से हों लागू
वरिष्ठ स्वास्थ्य विशेषज्ञ और एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स (एएचसीपी-इंडिया) के महानिदेशक डॉ गिरिधर ज्ञानी ने तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामले पर कहा कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले केवल यह दर्शाते हैं कि राज्यों को स्थानीय रोकथाम और उचित कोविड-19 व्यवहार जैसे उपायों को सख्ती से अपनाने की आवश्यकता है.
जिम्मेदार बनें राजनीतिक दल
ज्ञानी ने कहा कि स्थानीय स्तर पर प्रतिबंध लगाने और अन्य उपायों को लागू करने के पुराने तरीके वर्तमान में भी अपनाए जाने चाहिए, जो हमने पिछले साल अपनाए थे. कुछ विशेषज्ञों ने यह भी बताया है कि कोरोना का नया वेरिएंट ओमीक्रोन काफी अधिक संक्रामक है. इनका मानना है कि ओमीक्रोन डेल्टा संस्करण की तुलना में तीन गुना अधिक फैलता है. ओमीक्रोन की गंभीरता पर डॉ ज्ञानी ने आगामी विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि सभी राजनीतिक दलों को अधिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए ताकि स्थिति और न बिगड़े.
चुनावी रैलियां सुपर स्प्रेडर बन सकती हैं
ज्ञानी ने कहा, केंद्र सरकार मौजूदा महामारी के मद्देनजर सुझाव जारी करती रहती है, लेकिन राजनीतिक दल शायद ही इनका पालन करते हैं. उन्होंने आगाह किया कि आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर संभावित रैलियां कोरोना वायरस के लिए सुपर स्प्रेडर बन सकती हैं.
बता दें कि वर्तमान में, भारत के 19 राज्य ऐसे हैं, जहां कोरोना के 10,000 से अधिक सक्रिय मामले हैं. अस्पतालों के बुनियादी ढांचे पर डॉ ज्ञानी ने कहा कि ओमीक्रोन की हल्की प्रकृति के कारण अस्पतालों में भर्ती होने जैसे हालात पैदा नहीं हुए हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस अपनी विशेषताओं और स्वरूप को बहुत बार बदलने के लिए जाना जाता है. ऐसे में हमें सभी अस्पतालों में बुनियादी ढांचे के साथ तैयार रहना चाहिए.