आमतौर पर लोग व्यायाम को एक जरूरी आदत मानने की बजाय ट्रेंड का हिस्सा मानता है। जो बिल्कुल गलत है। एक अध्ययन के मुताबिक लगभग 64 प्रतिशत भारतीय कभी व्यायाम नहीं करते हैं।
स्वस्थ शरीर और स्वस्थ मन के लिये हर उम्र के महिला और पुरुष के लिये नियमित व्यायाम जरूरी है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है लोगों को प्रतिदिन 1 से 2 घंटे तक कड़ा व्यायाम करना चाहिए। लगभग प्रतिदिन हल्का-फुल्का व्यायाम, जिससे मांसपेशियों की स्ट्रेचिंग हो जाये काफी लाभकारी होता है। नियमित व्यायाम से हमारे शरीर को क्या फायदा होता है।
नियमित व्यायाम के फायदे
- व्यायाम से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है।
- मांसपेशियां स्वस्थ रहती हैं साथ ही शरीर में रक्त का संचार भी बेहतर ढंग से होता है।
- नियमित रूप से व्यायाम करने से रक्तचाप से जुड़ी समस्याएं कम हो जाती हैं और रक्तचाप नियंत्रित रहता है।
- वजन को नियंत्रित करने के लिये जरूरी मेटाबॉलिज्म को स्वस्थ रखने में नियमित व्यायाम उपयोगी साबित होता है। इससे कैलोरी भी तेजी से बर्न होती है और वजन नियंत्रण में रहता है।
- नियमित व्यायाम से तनाव, सिर दर्द और अवसाद जैसी कई समस्याओं को भी कम या ठीक किया जा सकता है।
- जिन लोगों को पीठ और हाथ-पैरों में दर्द की समस्या होती है और हर समय शरीर में कमजोरी महसूस होती है तो भी व्यायाम काफी फायदा पहुंचाते हैं।
- व्यायाम से शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी सामान्य किया जा सकता है। नियमित व्यायाम हानिकारक कोलेस्ट्रॉल की मात्रा घटाता है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ता है। जिससे दिल की सेहत भी दुरुस्त रहती है और हम अधिक मात्रा में ऑक्सीजन ले पाते हैं।
कब और कौन सा व्यायाम बेहतर
मीनू वर्मा बताती हैं की शाम की बजाय सुबह व्यायाम करना ज्यादा फायदेमंद होता है। इस समय व्यायाम करने से शरीर और मन दोनों स्वास्थ रहते हैं और ज्यादा मात्रा में ऑक्सीजन ग्रहण की जा सकती है। यदि संभव हो तो व्यायाम के लिये सुबह एक समय निर्धारित कर लेना चाहिए। इसके लिये आमतौर पर सूर्योदय या उससे तत्काल पहले का समय सही रहता है। किसी भी व्यायाम को शुरू करने से पहले किसी विशेषज्ञ या जानकार की मदद लें और सही प्रकार से व्यायाम करने का तरीका सीखें। गलत तरह से किया गया व्यायाम शरीर को नुकसान भी पहुँच सकता है। व्यायाम करने के बहुत से माध्यम हो सकते हैं जैसे कसरत, योग, एरोबिक्स, जूंबा, खेल, नृत्य या जिम आदि। अपने लिए वह व्यायाम का वह तरीका चुने जिसे करने में आपको मजा आए।
ऑफिस में भी संभव है व्यायाम
कामकाजी लोगों विशेषकर नियमित तौर पर दफ्तर जाने वाले लोगों के लिये एक दिनचर्या बना कर व्यायाम करना सरल नहीं होता है। लेकिन ऑफिस में घंटों बैठे-बैठे काम करने से उनमें आंखें, कंधे, गर्दन, उंगलियां, पैर आदि शरीर के हिस्सों में दर्द व तकलीफ होने लगती है। हमारी विशेषज्ञ मीनू वर्मा बताती है की ऐसी अवस्था में कुछ विशेष आदतों को अपनाया जा सकता है जिनका शरीर पर असर व्यायाम सरीखा ही होता है। इसके अलावा कुछ हल्के फुल्के व्यायाम भी है जो दफ्तर में बैठ कर आराम से किए जा सकते हैं, जो इस प्रकार हैं:
- ऑफिस या घर कहीं भी यदि संभव हो और चढ़ने-उतरने की जरूरत हो, तो सीढ़िओंं का ही इस्तेमाल करें।
- कार्य के दौरान जब आप कुर्सी पर बैठे हों तो कुछ क्षण निकालकर एडियों को जमीन से ऊपर उठायें और फिर उन्हे धीरे-धीरे जमीन पर वापस रखें। इस प्रक्रिया को 8-10 बार तक दोहराया जा सकता है और इस व्यायाम को दिन में एक बार से ज्यादा बार भी किया जा सकता है।
- कुर्सी पर बैठे-बैठे अपने कंधों को जितना संभव हो सके ऊंचा उठाएं। इसके अलावा कंधों को पहले आगे और फिर पीछे की तरफ घड़ी की सुईँ की दिशा में घुमाएं।
- जब भी समय मिले और आप कुर्सी पर बैठे हैं तो पहले सीधे खड़े हो जाएं और फिर कमर सीधे रखते हुए बैठ जाये। ध्यान रहे इस व्यायाम में कमर सीधी रहनी चाहिए। इस व्यायाम को भी दिन में एक से तीन बार दोहराया जा सकता है और अपनी सहूलियत के हिसाब से एक बार में 10 या उससे ज्यादा बार किया जा सकता है।
- कुर्सी पर बैठे-बैठे अपने पैर के पंजों को बीच-बीच में खोलते व बंद करते रहें, इसी तरह हाथों की भी मुट्ठी बनाकर उसे खोलते और बंद करते रहें।
- आंखों के व्यायाम के लिए कुर्सी पर बैठे-बैठे आंखों को 360 डिग्री के कोण पर घुमाएं। ऐसा आप दिन में 2-3 बार अपनी सुविधा अनुसार कर सकते हैं। इसके अलावा पेन या उंगली को कुछ देर कंधों की सिधाई में रखे और फिर दायें से बाएं और बाएं से दायें दिशा में घुमाएं। इस दौरान आंखे उस वस्तु पर ही केंद्रित रहनी चाहिए।