
आमतौर पर देखा गया है कि बच्चे कई बार पढ़ाई के प्रति ध्यान नहीं देते इससे अभिभावक परेशान हो जाते हैं। ऐसे में वह कई बार डांट फटकार का सहारा लेते हैं पर जब बात नहीं बनती तो बच्चों की पिटाई तक कर देते हैं। अगर आप भी यही तरीका अपनाते हैं तो इसे बदल दें क्योंकि यह बच्चों को पढ़ाई से दूर ही कर देगा।
अपने बच्चे का रुझान पढ़ाई के प्रति बढाने सबसे पहले उसे अनुशासित करें।
अनुशासित करें
बच्चे में शुरू से ही पढ़ने की आदत डालने के लिए जरूरी है कि उन्हें अनुशासन सीखाया जाए, जिसके लिए आपको भी वही अनुशासन अपनाना होगा। हर रोज शाम को पार्क आदि में जाने के साथ-साथ यदि आप अपने बच्चे को किसी लाइब्रेरी में लेकर जाएंगे तो वह पढ़ना साखेगा। नयी किताबें और लाइब्रेरी का माहौल उसे पढ़ने के लिए प्रेरित करेगा।
नई किताबें लाएं
अपने बच्चे रोज अच्छी और नयी-नयी किताबों से रूबरू करवाएं। यह किसी भी तरह की किताबें हो सकती हैं, जैसे जानवरों की कहानी से लेकर किसी पारंपरिक या ऐतीहासिक कहानी, या फैरी टेल आदि। महत्वपूर्ण बात यह है कि बच्चे को उसी की उम्र के हिसाब से किताबें दें। आप अपने बच्चे से भी पूछ सकते हैं कि किस तरह की किताबें में उसकी अधिक रुची है।
रुचि पैदा करें
बच्चे पर अपनी पसंद की किताब थोपें नहीं, इस तरह से आपकी पसंद आपके बच्चे का उतनी रुचि नहीं बांध पाएगी। हो सकता है आपको पंचतंत्र की कहानी वाली किताबें पसंद हों और आपका बच्चा स्पाइडर मेन पढ़ना चाहता हो, तो उसे वही पढ़नें दें जो वह चाहता है। समझने की कोशिश करें कि यह अच्छी बात है कि वह पढ़ रहा है, समय के हिसाब से वह अपने लिए सही किताबें ढूंढना सीख ही लेगा।
पढ़ना परिवार की आदत बनाएं
पढ़ने की आदत को परिवार की आदत बनाएं। बच्चे के आस-पास पढ़ने वाला माहौल पैदा करें। आप चाहे अखबार पढ़ें या कोई काल्पनीक किताब लेकिन किताबों को अपने घर का एक अहम हिस्सा बनाएं। किताब को आपके बच्चे के जीवन का हिस्सा बनाएं। उपहार के तौर पर किताबें खरीदें। बच्चे को उसे दें जिससे बच्चे को पढ़ना एक महत्वपूर्ण कार्य लगेगा।
तस्वीरों वाली किताबें दें
बच्चों को ऐसी किताबें भी दी जाएं, जिनमें तस्वीरें हों। ये बच्चों को रोचक तो लगती ही हैं, साथ ही आजकल बच्चों के लिए कविता, राइम, कहानियों वाली डीवीडी भी आ रही हैं। उन्हें वह भी सुनाएं, इससे भी सकारात्मक असर पड़ता है।