
नई दिल्ली।
12वीं की बोर्ड परीक्षा रद होने के बाद सीबीएसई (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) और आइसीएसई (इंडियन सर्टिफिकेट आफ सेकेंडरी एजुकेशन) ने गुरुवार को इसके आकलन का फार्मूला भी जारी कर दिया। इसके तहत 12वीं का रिजल्ट 10वीं, 11वीं और 12वीं के प्री-बोर्ड तक के प्रदर्शन को आधार बनाकर तैयार किया जाएगा। इनमें 10वीं और 11वीं के 30-30 फीसद और 12वीं के 40 फीसद अंक शामिल किए जाएंगे। 12वीं का रिजल्ट 31 जुलाई को घोषित हो जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सीबीएसई और आइसीएसई ने 12वीं के आकलन का यह फार्मूला पेश किया। इस पर कोर्ट ने भी अपनी सहमति जताई। साथ ही नोटीफिकेशन में स्थिति सामान्य होने पर छात्रों के लिए परीक्षा के विकल्प को शामिल करने का भी निर्देश दिया। इस बीच, कोर्ट ने अभिभावकों की ओर से परीक्षा कराने को लेकर दाखिल याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि अब फैसले को वापस नहीं लिया जा सकता। कोरोना संक्रमण के बीच अभिभावकों और छात्रों की मांग को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक जून को 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद करने का एलान किया था। साथ ही कहा था कि बोर्ड जल्द ही इसके आंतरिक आकलन का एक पारदर्शी फार्मूला तैयार करेंगे।
सीबीएसई ने परीक्षा रद होने के एलान के बाद सुप्रीम कोर्ट को भी इसकी जानकारी दी थी। साथ ही कहा था कि वह दो हफ्तों में आकलन का फार्मूला पेश करेगा। सीबीएसई ने एक 13 सदस्यीय टीम भी गठित की थी, जिसके आधार पर सुप्रीम कोर्ट के सामने आकलन का यह फार्मूला पेश किया गया है। इस बीच, कोर्ट ने रिजल्ट घोषित करने की जानकारी मांगी, जिस पर सीबीएसई ने 31 जुलाई को इसे घोषित करने की जानकारी दी। इस पर कोर्ट ने इसे नोटिफिकेशन में दर्ज करने के निर्देश दिए।
इस तरह होगा आकलन
10वीं, 11वीं और 12वीं के प्री-बोर्ड तक के प्रदर्शन को आधार बनाकर रिजल्ट तैयार होगा। इसका जो फार्मूला होगा, उसमें 10वीं और 11वीं के 30-30 फीसद और 12वीं के 40 फीसद अंक होंगे। 12वीं के आकलन में यूनिट टेस्ट, मिड-टर्म और प्री-बोर्ड को आधार बनाया जाएगा। जबकि 11वीं की फाइनल परीक्षा के थ्योरी के और 10वीं के पांच विषयों में से किन्ही तीन विषयों के थ्योरी के प्रदर्शन के औसत को शामिल किया जाएगा। सीबीएसई ने आकलन का आधार तीन कक्षाओं के प्रदर्शन पर रखा है, तो आइसीएसई ने पिछले छह साल के प्रदर्शन को इसमें शामिल किया है।
राज्यों के बोर्डो की भी मांगी जानकारी
सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान राज्यों के परीक्षा बोर्डो की भी जानकारी ली। इसमें बताया गया है कि कुल 24 राज्यों में 18 राज्यों ने सीबीएसई के फैसले के बाद अपनी बोर्ड परीक्षाएं रद कर दी हैं। छह राज्यों के बोर्डो ने पहले ही परीक्षाएं करा ली हैं, जबकि असम, पंजाब, त्रिपुरा और आंध्र प्रदेश के बोर्डो ने अभी तक परीक्षाएं रद नहीं की हैं। इस पर कोर्ट ने इन राज्यों को सीबीएसई के आकलन फार्मूले से अवगत कराने को कहा। साथ ही कहा कि 21 जून को सुनवाई में वे भी अपना पक्ष पेश करें।
विवाद के हल का भी हो प्रविधान
सुप्रीम कोर्ट ने आकलन योजना स्वीकार करते हुए यह भी कहा कि अगर कोई छात्र घोषित किए गए अंतिम परिणाम में संशोधन कराना चाहे तो ऐसे मामलों में विवाद के समाधान का भी इसमें प्रविधान किया जाना चाहिए। साथ ही यह भी बताया जाए कि वैकल्पिक परीक्षा की समय सारिणी कब घोषित की जाएगी।
असंतुष्ट छात्र दे सकेंगे परीक्षा
फार्मूले के आधार पर घोषित नतीजों से असंतुष्ट छात्रों के पास परीक्षा में शामिल होने का विकल्प मौजूद रहेगा। परीक्षा की तिथियां स्थिति सामान्य होने पर घोषित की जाएंगी। परीक्षा में सम्मिलित होने वाले छात्रों का 12वीं का अंतिम परिणाम परीक्षा में अर्जित अंकों को ही माना जाएगा।
केंद्रीय मंत्री ने सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि12वीं के छात्रों के नतीजे तैयार करने के लिए सीबीएसई की नीति और प्रक्रिया की सिफारिश करने के लिए सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद! सीबीएसई ने सभी पक्षों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद इस नीति को अपनाया है जो छात्रों के हित में है।