इंदौर ।
कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर लोग तरह-तरह के उपाय करने में लगे हैं। डाक्टर भी संक्रमण को दूर रखने के लिए फल खाने की सलाह दे रहे हैं। इसमें संतरा-मौसंबी सहित खट्टे फल शामिल हैं। मगर ये सारे फल इन दिनों बाजार से गायब हैं। इस साल लाकडाउन की वजह से नागपुर, शाजापुर और सारंगपुर से संतरा नहीं आया है। वहीं मौसंबी की पैदावार कम हुई है। वैसे जिन दुकानों में संतरा-मौसंबी मिल रहे है। कोल्ड स्टोरेज में रखे बिक रहे हैं। ये 250 रुपये किलो के हिसाब दुकानदार बेचने में लगे हैं। बुधवार से जिला प्रशासन की सख्ती बढ़ने से फल विक्रेताओं ने दामों में ओर वृद्धि कर दी है। सेब, आम, अनार डेढ़ सौ रुपये किलो मिल रहा है।
जनता कर्फ्यू के चलते 12 बजे तक की छूट के कारण नंदलालपुरा-मालवा मिल, पाटनीपुरा और साकेत में फलों की दुकानों में भीड़ उमड़ पड़ी। इसका फल विक्रेताओं ने जमकर फायदा उठाया। तरबूज, खरबूजा, अंगूर और पपीता भी महंगे दामों पर बिके। यहां तक कि ठेलेवालों ने भी पांच से दस रुपये दाम बढ़ा दिए। फल विक्रेताओं का कहना है कि लाकडाउन की वजह से बाहर से फल आना बंद हो चुके हैं। आसपास से तरबूज, खरबूजा और आम आ रहे हैं।
मगर उनका थोक भाव भी ज्यादा है। उन्होंने कहा कि आम की कम किस्में इस बार बाजार में आई हैं। बादाम हर जगह आसानी से मिल रहा है। फल व्यापारी अपने हिसाब से बेचने में लगे हैं। हाफुस अभी इक्का-दुक्का दुकानों में ही नजर आ रहा है। वहीं नारियल के दाम भी बढ़े हुए हैं। वैसे थोक बाजार में अभी उसी कीमत पर व्यापारियों को मिल रहे है।