इंदौर ।
विजय नगर में रहने वाली अल्का जायसवाल से कुछ दिन पहले इंटरनेट पर घर बैठे डेटा एंट्री कर लाखों रुपये कमाने का झांसा देकर फर्जी कंपनी ने एक लाख रुपये ठग लिए। अल्का ने बताया कि क्राइम ब्रांच में बुधवार को लिखित में शिकायत की है। उन्होंने बताया कि फरवरी में आॅनलाइन डेटा एंट्री का काम लिया था। अचानक वेबसाइट बंद हो गई। अल्का ने भी ध्यान नहीं दिया। कुछ दिन बाद मेल आया कि दिल्ली कोर्ट में उनके खिलाफ कंपनी ने केस कर दिया।
कुछ दिन बाद युवती के पास महिला वकील का फोन आया कि उन्हें कोर्ट में पेश होना पड़ेगा। इसके दो दिन बाद किसी पुलिसकर्मी का फोन आया और कहा कि उनका केस चल रहा है, उसकी पहचान है, यदि वह केस रफा-दफा करना चाहती हैं तो 25 हजार रुपये लगेंगे। इस तरह से बार-बार केस की तारीख बढ़ाते हुए फर्जी पुलिस व वकील ने करीब एक लाख रुपये ठग लिए। शिकायत के बाद क्राइम ब्रांच ने मामले में जांच शुरू कर दी है।
कोरोना संक्रमण के दौर में कई लोगों की नौकरियां दाव पर लग गई हैं। बेरोजगारी के इस संकट में आनलाइन डेटा एंड्री कराकर रुपये कमाने का झांसा देने वाली कंपनियां लोगों को ठगी का शिकार बना रही हैं। इसके लिए वेबसाइट पर आधार कार्ड, पेन कार्ड व अन्य दस्तावेज भी मांगे जाते हैं। यहां तक की ई-हस्ताक्षर भी लिए जाते हैं। इसके बाद कंपनियां आसान काम के 200 से 300 रुपये प्रति पेज देने का दावा करती हैं कि वे महीने में इस तरह लाखों कमा सकते हैं, लेकिन कुछ दिन बाद ही फोन आना शुरू हो जाते हैं कि वे कंपनी के अनुबंध के अनुसार काम करके नहीं दे रहे हैं, इसलिए कंपनी उन पर केस कर रही है। केस खत्म करने के लिए रुपयों की मांग की जाती है, व्यक्ति कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए रुपये दे देते हैं। धोखाधड़ी में ज्यादातर युवक व युवतियों को ही शिकार बनाया जा रहा है।