पिछले कुछ दशकों में दुनियाभर में स्पिरुलिना बेहद पॉपुलर हुआ है। डॉक्टर्स हमेशा रोजाना डाइट में स्पिरुलिना शामिल करने की सलाह देते हैं। इसमें कई प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर के लिए बेहद लाभकारी होते हैं। खासकर मोटापा और डायबिटीज के लिए यह दवा समान है। इसके सेवन से वेट और शुगर (वजन और शर्करा) दोनों कंट्रोल किया जा सकता है। कई शोध में स्पिरुलिना सुपरफूड का दर्जा दिया गया है। कैंसर के बढ़ते संक्रमण को रोकने में यह कारगर दवा साबित हो सकता है। हालांकि, लोगों में यह दुविधा बनी रहती है कि शुगर कंट्रोल करने के लिए कितनी मात्रा में स्पिरुलिना का सेवन करना चाहिए। अगर आप स्पिरुलिना से वाकिफ नहीं हैं, तो आइए इसके बारे में सब कुछ जानते हैं-
स्पिरुलिना क्या है
स्पिरुलिना एक जलीय वनस्पति है, जो तालाबों और झीलों में पाया जाता है। इसमें अन्य खाद्य पदार्थों की तुलना में प्रोटीन सबसे अधिक होता है। इस वजह से स्पिरुलिना को सुपरफूड भी कहा जाता है। खासकर चिकित्सा विज्ञान में स्पिरुलिना का इस्तेमाल कैंसर की दवा बनाने के लिए किया जाता है। इसके सेवन से बढ़ते वजन और शुगर को कंट्रोल किया जा सकता है।
पोषक तत्व की मात्रा
डाइट चार्ट की मानें तो एक चम्मच 7 ग्राम स्पिरुलिना पाउडर में प्रोटीन 4 ग्राम, विटामिन-बी1 (11 प्रतिशत), विटामिन-बी2 (15 प्रतिशत), विटामिन-बी3 (4 प्रतिशत), कॉपर (21 प्रतिशत) और आयरन (11 प्रतिशत) होता है। वहीं, 7 ग्राम स्पिरुलिना में 20 कैलोरी और 1.7 ग्राम सुपाच्य कार्ब्स होते हैं।
टाइप 2 डायबिटीज में मददगार;एक शोध में खुलासा खुलासा हुआ है कि प्रतिदिन 2 ग्राम स्पिरुलिना के सेवन से ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मदद मिलती है। स्पिरुलिना टाइप 2 डायबिटीज मरीजों के लिए दवा की तरह काम करता है। वहीं, Journal of Nutrition Research की एक शोध में यह बताया गया है कि रोजाना 4 ग्राम स्पिरुलिना का सेवन किया जा सकता है। कई डॉक्टर्स रोजाना 7 ग्राम स्पिरुलिना खाने की सलाह देते हैं। हालांकि, प्रतिदिन 15 ग्राम से अधिक सेवन नहीं करना चाहिए। डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।