इंदौर।
शहर में अभी भी कई आफिस हैं जो गत वर्ष हुए लाकडाउन से लेकर अभी तक वर्क फ्राम होम के अनुरूप ही कार्य करा रहे हैं। संक्रमण से लोगों को बचाने का यह एक बेहतर तरीका है लेकिन घर पर रहकर आफिस का काम कर रहे कई कर्मचारी कमर, गर्दन व कंधे के दर्द, हाथ-पैर में झुनझुनी और पैर की नसों में खिंचाव की समस्या से जूझ रहे हैं। इस तरह के दर्द की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंचने वालों की संख्या में मार्च 2020 से अब तक तीन से चार गुना इजाफा हुआ है। इस तरह की समस्या से ग्रसित होने वालों में केवल कामकाजी लोग ही नहीं बल्कि विद्यार्थी भी शामिल हैं। युवा दफ्तर के काम और स्टूडेंट्स आनलाइन एजुकेशन की वजह से इन समस्याओं से जूझ रहे हैं।
एमवाय अस्पताल के हड्डी रोग विभागाध्यक्ष डा. आनंद अजमेरा के अनुसार इन समस्याओं से जूझने वाले अस्पताल आ रहे रोगियों की संख्या गत वर्ष से तीन से चार गुना बढ़ी है। इन समस्याओं से ग्रसित कुल रोगियों में से करीब 50 प्रतिशत 20 से 30 वर्ष की उम्र के हैं। शेष 30 से 45 वर्ष तक की उम्र के हैं। सबसे ज्यादा समस्या गर्दन व कमर में दर्द की है। इन समस्याओं की वजह गलत ढंग से बैठकर काम करना और कार्य की अधिकता है। वर्क फ्राम होम के कंसेप्ट में कार्य की अधिकता भी बढ़ी है जिससे ज्यादा समय तक बैठे रहना पड़ता है।
बच्चे भी हो रहे परेशान
योग विशेषज्ञ व वैकल्पिक चिकित्सक डा. एके जैन के अनुसार पहले करीब 10 प्रतिशत युवा इस समस्या से ग्रसित थे लेकिन वर्षभर में इनकी संख्या करीब 60 प्रतिशत तक बढ़ी है। युवा ही नहीं बच्चे भी इस समस्या से ग्रसित हो रहे हैं क्योंकि उनका अधिकांश वक्त आनलाइन स्टडी और गेमिंग में बीतता है। कुल मरीजों में से बच्चों की संख्या भी करीब 15 प्रतिशत है। इन परेशानियों से बचने के लिए योग, व्यायाम को अपनाया जाना चाहिए।