म्यांमार के हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं। वहां की सड़कों पर बड़ी संख्या में सेना के जवान बख्तरबंद गाडि़यों के साथ मौजूद हैं। म्यांमार में होने वाले विरोध प्रदर्शनों पर लगातार सख्ती बरती जा रही है।
संयुक्त राष्ट्र (यूएन)। म्यांमार में 15 दिनों से जारी सैन्य शासन लगातर दुनिया के कई देशों को अखर रहा है। इसको लेकर कई बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद भी चिंता व्यक्त कर चुका है। वहीं देश की लोकतांत्रिक सरकार का तख्तापलट किए जाने और देश में आपातकाल लगाए जाने के बाद देश की सेना लगातार लोगों को इस मामले में खामोश रहने की हिदायत दे रही है।
वहीं दूसरी तरफ म्यांमार में दोबारा लोकतात्रिक व्यवस्था बहाल करने को लेकर लोग जगह-जगह एकजुट होकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इन प्रदर्शनाकें रोकने के लिए भी सेना बल प्रयोग करने से नहीं चूक रही है। यूएन प्रमुख एंटोनियो गुटारेस ने सेना द्वारा लोगों पर की जा रही सख्ती पर न सिर्फ अपनी चिंता जाहिर की है बल्कि नाराजगी भी जताई है।
उन्होंने कहा है कि लोगों को विरोध करने का अधिकार दिया गया है। ऐसे में सेना को इन निहत्थे लोगों पर बल प्रयोग नहीं करना चाहिए। म्यांमार से आ रही खबरों पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि वहां पर सड़कों पर बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों को लगाया गया है। इतना ही नहीं सड़कों पर बख्तरबंद गाडि़यों का जमावड़ा कुछ और ही कहानी बयां करता हुआ दिखाई देता है।
उनके प्रवक्ता ने एक बयान जारी कर कहा कि गुटारेस ने म्यांमारी सेना द्वारा की जा रही सख्ती को खारिज करते हुए तुरंत लोकतांत्रिक व्यवस्था बहाल करने की अपील की है। उन्होंने तातमदेव से अपील की है कि वो म्यांमार के ताजा हालात का जायजा लेने के लिए विशेष दूत क्रिस्टीन श्रैनर बर्गनर को वहां की यात्रा की अनुमति प्रदान करें।
आपको बता दें कि म्यांमार की सेना, जिसका आधिकारिक नाम तातमदेव है, ने सत्ता अपने हाथों में लेने के बाद बड़ी संख्या में राजनेताओं के अलावा आम लोगों, सरकारी अधिकारियों, समाजिक कार्यकर्ताओं और मीडियाकर्मियों को हिरासत में लेने का काम किया है। सेना द्वारा कई जगहों पर इंटरनेट व्यवस्था को बंद कर दिया गया है और सोशल मीडिया पर भी पाबंदी लगाई गई है।
यूएन प्रमुख की तरफ से म्यांमार की जनता को ये भरोसा दिलाया गया है कि वो लोकतंत्र बहाली के शांतिपूर्ण प्रयासों में उनके साथ हैं। आपको यहां पर ये भी बता दें कि म्यांमार की करीब 18 यूनिवर्सिटी के छात्र संघों ने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग को एक पत्र लिखकर अपील की है कि वो म्यांमार में दोबारा लोकतांत्रिक व्यवस्था बहाल करने में मदद करें। इस खत में कहा गया है कि एक अच्छे पड़ोसी की तरह उन्हें तातमदेव को दोबारा देश में पुरानी व्यवस्था बहाल करने के लिए दबाव बनाना चाहिए।