लंदन । यूके में फार्मा कंसल्टेंट दीपक पालीवाल ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की कोविड-19 वैक्सीन के लिए वॉलंटियर के रूप में अपनी सेवाएं दी हैं। हालांकि इसके कई संभावित खतरे थे लेकिन दीपक ने इस अभियान का हिस्सा बनने की ठानी। दीपक के इस फैसले को लेकर उनके परिवार और दोस्तों में थोड़ी झिझक थी। उन्होंने कहा, मेरी पत्नी समेत पूरा परिवार मेरे इस फैसले को लेकर फिक्रमंद था। मुझे इस प्रयोग का हिस्सा बनने से मना किया जा रहा था। लेकिन मुझे यह कहना था। मैं दुनिया को इस वैश्विक महामारी से बचाने में मदद करना चाहता था। भले ही इसके लिए मुझे अपनी जान खतरे में क्यों न डालनी पड़ती। मूल रूप से जयपुर के रहने वाले पालीवाल ने कहा, मुझे कुछ चिंताएं थीं क्योंकि यह वैक्सीन सिर्फ जानवरों पर टेस्ट की गई थी। लोगों ने मुझे कई तरह की चेतावनियां दीं। कुछ ने कहा कि इसका असर मेरी प्रजनन क्षमता पर पड़ सकता है। कुछ ने यह भी कहा कि रिचर्स के लिए मेरे शरीर में चिप डाली जा सकती है ताकि मेरी मूवमेंट को ट्रैक किया जा सके। 11 मई को पालीवाल को वैक्सीन दी गई और वह तीन घंटे बाद घर आ गए। उन्हें कई गाइडलाइंस का पालन करना था। उन्हें स्टडी विजिट अटैंड करनी थी, सेंटर पर आने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट नहीं लेना था और जांचकर्ताओं को उनके व्यवहार का आकलन और स्टडी करने की इजाजत देना शामिल था। तब से पालीवाल कई बार फॉलोअप विजिट के लिए जा चुके हैं। वह एक साल तक ऑब्जर्वेशन में रहेंगे।
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