देश की सीमाओं को और सख्त बनाने के लिए इस समय तीनों सेनाओं को नया स्वरूप देने की कोशिश की जा रही है। इसके पीछे मकसद यह है कि संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल कर सैन्य ताकत में इजाफा करना। इसी कड़ी में चीनी खतरे के मद्देनजर पहली थियेटर कमान तैयार किए जाने के आसार हैं। संभावना है कि इस साल के अंत तक यह तैयार हो जाएगी।
सूत्रों के अनुसार, अमेरिका और चीन की तर्ज पर भारतीय सेनाओं को भी थियेटर कमान के भीतर लाकर आधुनिक जरूरतों के अनुरूप संचालित किया जाएगा। एक थियेटर कमान के साथ थल, जल और नभ तीनों सेनाओं की ताकत रहेगी। इसका एक मुख्यालय होगा तथा एक संचालनात्मक प्रमुख होगा। सूत्रों का कहना है कि थियेटर कमान की संरचना पर तेजी से कार्य चल रहा है। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के नेतृत्व में इस पर कार्य किया जा रहा है।
तीन प्रारंभिक थियेटर कमान बनाने की तैयारी
सूत्रों के अनुसार, शुरुआत में तीन प्रारंभिक थियेटर कमान बनाने का प्रस्ताव है। एक पाकिस्तान सीमा के मद्देनजर, दूसरी चीन सीमा को ध्यान में रख तथा तीसरी समुद्री सुरक्षा को लेकर। इसके बाद मध्य थियेटर कमान भी बनाई जा सकती है। संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए एक लॉजिस्टिक कमान भी बाद में बनाई जाएगी।
पहली प्राथमिकता में थियेटर कमान
सूत्रों का कहना है कि मौजूदा परिस्थिति में चीनी सीमा को ध्यान में रखते हुए थियेटर कमान बनाई जा सकती है। इसका नाम अभी तय नहीं है, लेकिन इस कार्य को पहली प्राथमिकता में रखा गया है। पिछले दिनों में हुई सैन्य कमांडर बैठक में भी इस मुद्दे पर चर्चा होने की खबर है। अभी सेना की सात, वायुसेना की छह तथा नौसेना की तीन कमान हैं जो बाद में थियेटर कमान का हिस्सा बन जाएंगी।
क्या है थियेटर कमान?
देश की रक्षा-सुरक्षा चुनौतियों के मद्देनजर थल सेना, वायु सेना और नौ सेना की थियेटर कमान युद्धकाल में दुश्मन के लिए चक्रव्यूह का काम करती है। दरअसल, थियेटर कमान युद्ध के दौरान दुश्मन पर अचूक वार के लिए सेनाओं के सभी अंगों के बीच बेहतरीन तालमेल की प्रणाली है।
क्यों जरूरी है थियेटर कमान?
वैश्विक स्तर पर युद्ध की रणनीतियों में तमाम तरीके के बदलाव आ रहे हैं। अब प्रत्यक्ष तौर पर सैनिकों की जगह युद्ध कई मोर्चों पर एक साथ लड़ा जाता है। इसके लिे सभी मुल्क अपने सैन्य बल, संसाधनों और तकनीक का समुचित उपयोग करते हैं। इसलिए एकीकृत कमान यानी थियेटर कमान जरूरी है।