भोपाल में 40 से ज्यादा स्वास्थ्य कर्मी कोरोना पॉजिटिव मिलने और इंदौर में कोरोना पॉजिटिव एक डॉक्टर की मौत के बाद प्रदेश में डॉक्टरों के बीच दहशत है।
इस बीच मध्य प्रदेश के ग्वालियर में गजराराजा मेडिकल कॉलेज के 50 रेजिडेंट जूनियर डॉक्टर्स ने इस्तीफे दे दिए हैं। करीब सप्ताहभर पहले ही जीआरएमसी ने 92 रेजिडेंट जूनियर डॉक्टर ने ज्वाइनिंग दी थी, लेकिन अब इनमें से 50 डॉक्टरों ने नौकरी को अलविदा कह दिया है। माना जा रहा है कि इस नौकरी के लिए उनसे जो बांड भरवाया गया था उसके बदले ₹500000 बाद में देने को यह डॉक्टर राजी हो गए हैं। डॉक्टरों के इस्तीफा देने की पुष्टि जीआरएमसी ने की है।
हालांकि 8 अप्रैल को शिवराज सरकार ने प्रदेश में एस्मा लगा दिया था, जिससे 25-30 डॉक्टरों के इस्तीफे नामंजूर हो गए हैं। जीआरएमसी प्रबंधन के मुताबिक, हमने सरकार के आदेश पर 92 डॉक्टर्स की इंटर्नशिप पूरी होने पर कोविड-19 में इमरजेंसी के लिए तीन माह के लिए संविदा नियुक्ति पर पदस्थ किया था। जानकारी के मुताबिक, जीआरएमसी ने इन डॉक्टर्स को जयारोग्य अस्पताल, कमलाराजा महिला एवं बाल चिकित्सालय और सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में तैनात किया था।
डॉक्टरों के नौकरी छोड़ने को लेकर जीआरएमसी किसी तरह से चिंतित नहीं है। डॉ. रंजन का कहना है कि उनके पास पर्याप्त स्टॉफ है, इन डॉक्टरों की भर्ती इमरजेंसी के लिहाज से की गई थी।