2019 में इन मामलों ने बटोरी खासी सुर्खियां

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आज हम आपकों 2019 में पूरी दुनिया में हुई अहम घटनाओं से रू-ब-रू कराएंगे। कुछ ही दिनों में 2019 का साल जाने वाला है और 2020 आने वाला है। 2019 कई मायनों में खास रहा। कई ऐसे मुद्दे भी सामने आए जिसने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया। कई ऐसे भी मुद्दे आए जिस पर सभी की नजरें जमी रहीं। बीत रहे साल में हमने कई आंदोलन देखे। इसके अलावा हमने अकेले संघर्ष कर रहे लोगों की भी ताकत देखी। आईए आपको कुछ ऐसी ही बातों के बारे में बताते है जिसने 2019 में खासी सुर्खियां बटोरी।

संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन के मौके पर 16 साल की स्वीडिश बच्ची ने जलवायु परिवर्तन पर नीतियां बनाने मांग को लेकर प्रदर्शन किया। उसकी अपील पर 20 सितंबर को 150 देशों के बच्चों ने अपने-अपने देश में प्रदर्शन किया था। इस बच्ची के जलवायु परिवर्तन आंदोलन ने दुनिया को इस मुद्दे पर गंभीर असर हुआ।73 बार आग लगने की घटना हुई साल 2019 में अमेजन के जंगल में। यह दुनिया का फेफड़ा कहा जाता है। आग अंतरिक्ष से देखी जा सकती थी। समस्या पर चर्चा के लिए सात सितंबर को कोलंबिया में सात देशों के राष्ट्र प्रमुखों ने झोपड़ी में बैठक की। अमेजन के जंगलों में लगी आग को लेकर वैश्विक स्तर पर खींचतान की नौबत आ गई है। दुनिया का फेफड़ा कहे जानेवाले इन जंगलों में लगी आग को लेकर देश के दक्षिणपंथी राष्ट्रपति जैर बोल्सोनारो आलोचकों के निशाने पर हैं।

इथिओपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद अली ने 2019 में शांति का नोबेल पुरस्कार जीता। जिससे अन्य देशों को भी शांति की पहल संदेश मिला। फिनलैंड में 34 साल की सना मारिन दुनिया की सबसे कम उम्र की प्रधानमंत्री चुनी गई। इसके बाद सना मारिन ने युवा शक्ति और दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा। पांच फरवरी को जब पोप फ्रांसिस यूएई के अबुधाबी पहुंचे। कोई ईसाई धर्मगुरु पहली बार इस्लाम की धरती पर पहुंचा। पोप ने दुनिया को विविध धर्मों के बीच आपसी सौहारद्र का संदेश दिया। जापान के सम्राट अकीहितो ने पद छोड़ने की घोषणा कर के इतिहास रच दिया। वह पिछले 27 वर्षों से जापान के सम्राट हैं और जापान को उसके द्वितीय विश्व युद्ध से जुड़े उग्र राष्ट्रवाद से दूर रखने के लिए उनकी खासी सराहना होती रही है. जापान के सम्राट ने बड़े और ताकतवर पद पर होकर भी त्याग की भावना का प्रदर्शन किया। थाईलैंड में नए राजा वाजिरा लिंगकोम का पदारोहण समारोह हुआ जो की दिनों तक चला और दुनिया के कुछ ही देशों में अब राजशाही बची है।

इनमें थाइलैंड भी शामिल है। अब दुनिया में साम्राज्यों के अस्तित्व की स्वीकार्यता बढ़ी है। आपको बता दे कि अमेरिकी प्रतिनिधि सभा अध्यक्ष नेसी पलोसी ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप क खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव की अनुमति दी। डोनाल्ड ट्रंप पर महाभियोग चलाने से संदेश दिया कि कोई भी कितना भी ताकतवर क्यों न हो नियमों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं होगा। ब्रिटेन में ब्रेग्जिट के मुद्दे पर आम चुनाव जीतकर जनता का समर्थन हासिल किया। पार्टी ने ब्रेग्जट का मुद्दा बनाकर ही प्रचार प्रसार किया। इस बार तय है कि ब्रेग्जिट युरोपीय यूनियन से अलग होना तय है। वही फांस में यलो वेस्ट आंदोलन जारी रहा। देशभर में हुए आंदोलनों में करीब 50 हजार लोगों ने बाग लिया. इस संकट के बीच राष्ट्रपति मैक्रों की रेटिंग में भी गिरावट देखी गई है. कुछ लोगों ने पूरे मामले में उनके लो-प्रोफाइल रहने पर उनकी आलोचना की है. फांस की सरकार को इनकी मांगों पर ध्यान देना पड़ा। 19 जनवरी को कई अमेरिकी शहरों में महिला अधिकारों के लिए महिलाओं ने मार्च निकाले। इससे महिलाओं के मामलों के प्रति जागरुकता देखने को मिली। हांगकांग में विवादित प्रत्यर्पण विधेयक को अनिश्चितकाल के लिए निलंबित करने के बाद भी प्रदर्शनों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है.

प्रत्यर्पण विधेयक के विरोध में प्रदर्शनों का सिलसिला जारी है और चीन के सरकारी मीडिया ने इस पर पूरी तरह चुप्पी साधे रखी। हांगकांग में 10 जून को प्रत्यर्पण बिल के विरोध में 10 लाख लोगों ने प्रदर्शन में भाग लिया आंदोलन से संदेश मिलता है की ताकतवर के खिलाफ भी प्रदर्शन संभव है। भारत के अलावा दुनियाभर में महिलाएं कई तरह की परेशानियों से जूझ रही हैं। स्विट्जरलैंड में भी इन मुद्दों से अछूता नहीं रहा, जहां करीब 15 लाख महिलाएं गैर-बराबरी और अपने खिलाफ होने वाली हिंसा के विरोध में सड़क पर उतरी। दुनियाभर में महिलाएं गैर-बराबरी के साथ-साथ यौन हिंसा व उत्पीडन की शिकार हो रही हैं। स्विटजरलैड के बर्न में 15 लाख महिलाओं ने सड़क पर उतरकर पुरुषों के समान हक देने की मांग को लेकर हड़ताल की। महिलाओं को अधिकार देने पर सरकार ने सकारात्मक कदम उठाया है. अमेरिका के ह्यूस्टन शहर में श्हाउडी मोदीश् कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. जिसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय अमेरिकी समुदाय के 50 हजार से भी ज्यादा लोगों को संबोधित किया था। यह क्रार्यक्रम में खुद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी की आगवानी की। इस कार्यक्रम को दुनिया के 200 करोड़ लोगों ने लाइव देखा।

इस कार्यक्रम से भारत का दुनिया में बहुत प्रभाव बढ़ा। 74 साल में पहली बार कोई अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन से मुलाकात की. उत्तर कोरिया की धरती पर पहुंचने वाले डोनाल्ड ट्रंप पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बन गए। इस ऐतिहासिक क्षण के दौरान ट्रंप दक्षिण और उत्तर कोरिया को बांटने वाली कंक्रीट की सीमा पर पहुंचे, जहां किम उनका स्वागत करने आए और दोनों ने हाथ मिलाया. इस मुलाकात से उत्तर कोरिया पर बातचीत करने का दबाव बढ़ा है. विजयादशमी के अवसर पर फ्रांस के मरीनेक एयरबेस पर राफेल बनाने वाली कंपनी दासौ और फ्रांसीसी सैन्य मंत्री की मौजूदगी में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को देश का पहला राफेल लड़ाकू विमान सौंपा गया। इस से भारत को राफेल की शक्ति मिलने से दक्षिण एशिया में भारत का दबदबा बढ़ेगा। 23 सितंबर को दुनिया के 100 देशों में एक हजार पांच सौ शहरों में कार फ्री डे मनाया गया। इस दिन लंदन के टावर ब्रिज की सड़क पर लोगों ने योग किया। ईस्टर संडे के मौके पर श्रीलंका में एक के बाद एक लगातार आठ धमाके हुए थे। श्रीलंका के तीन चर्चों और तीन पांच सितारा होटलों में हुए बम धमाकों में 290 लोगों की मौत हो गई। इन धमाकों में, लगभग 300 घायल हुए थे।

इस घटना ने आतंकी संगठन आईएस की एशिया में मौजूदगी की ओर ध्यान खिचा। न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च की मस्जिद में बंदूकधारी ने 47 लोगों को भून था, कई लोग घायल हो गए थे। 28 साल का हत्यारा ब्रेंटोन टेरेंट अभी हिरासत में है। इस वारदात को अंजाम देने वाले एक हमलावर की पहचान ऑस्ट्रेलियाई नागरिक के रूप में हुई थी, जो अति दक्षिणपंथी विचारधारा से प्रभावित था। दुनिया का ध्यान नफरत और आतंक के नए चेहरे की ओर गया। 27 अक्टूबर 2019 को सीरिया के इदलिब में छिपे आतंकी संगठन आईएस के सरगना अबु बकर अल बगदादी को अमेरिकी सुरक्षाबलों ने मार गिराया. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस बगदादी ने मौत की पुष्टी की थी। इससे दुनिया में आतंकियों को कड़ा संदेश गया।

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