वर्ष 2019 का सबसे बड़ा और इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 26 दिसंबर को लगेगा। इससे पहले इस साल 6 जनवरी और 2 जुलाई को आंशिक सूर्यग्रहण लगा था। यह सूर्य ग्रहण को देश के दक्षिणी भाग में कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु के हिस्सों देखा जा सकेगा जबकि देश के अन्य हिस्सों में यह आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में दिखाई देगा।
भारतीय समय अनुसार आंशिक सूर्य ग्रहण सुबह 8.04 मिनट से शुरू होगा और सूर्य ग्रहण सुबह 9.24 से चंद्रमा सूर्य के किनारे को ढकना शुरू करेगा। पूर्व सूर्य ग्रहण सुबह 9.26 पर दिखाई देगा। वहीं, 11.05 तक यह सूर्य ग्रहण खत्म हो जाएगा। इस ग्रहण की अवधि तीन घंटे बारह मिनट होगी। इस सूर्य ग्रहण का सूतक बारह घंटे पहले ही 25 दिसंबर की रात 8:17 पर लग जाएगा।
छह ग्रह एक साथ होंगे-
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि ये सूर्य ग्रहण धनु राशि और मूल नक्षत्र में बनेगा इसलिए व्यक्तिगत रूप से धनु राशि और मूल नक्षत्र में जन्मे लोगों पर इस ग्रहण का विशेष प्रभाव पड़ेगा। ज्योतिषीय नजरिये से 26 दिसंबर को होने वाले इस सूर्य ग्रहण का प्रभाव किसी समान्य सूर्य ग्रहण के मुकाबले बहुत ज्यादा तीव्र होगा। क्योंकि इस सूर्य ग्रहण के समय धनु राशि में एक साथ छह ग्रहों (सूर्य, चन्द्रमा, शनि, बुध, बृहस्पति, केतु) का योग बनेगा, जिससे इस सूर्य ग्रहण का प्रभाव बहुत ज्यादा और लंबे समय तक रहने वाला होगा।
कहां-कहां दिखेगा सूर्य ग्रहण-
यह सूर्य ग्रहण को देश के दक्षिणी भाग में कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु के हिस्सों देखा जा सकेगा जबकि देश के अन्य हिस्सों में यह आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में दिखाई देगा। इसके साथ ही साथ यह पूर्वी यूरोप, उत्तरी-पश्चिम ऑस्ट्रेलिया और पूर्वी अफ्रीका में भी देखा जा सकेगा।
21 जून, 2020 को होगा पहला सूर्य ग्रहण-
अगला सूर्य ग्रहण भारत में 21 जून, 2020 को दिखाई देगा। यह एक वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा। वलयाकार अवस्था का संकीर्ण पथ उत्तरी भारत से होकर गुजरेगा। देश के शेष भाग में यह आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में दिखाई पड़ेगा।