लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम में दिये गए प्रावधनों के क्रियान्वयन के माध्यम से बच्चों को लैंगिक शोषण से सुरक्षा प्रदान की जाती है। उक्त विषय पर कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जिला स्तरीय अंतर विभागीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इंदौर में संचालित “पहल” स्वयमसेवी संस्था द्वारा अधिनियम से संबंधित जानकारियां एवं सुरक्षित स्पर्श एवं असुरक्षित स्पर्श के बारे में जानकारी दी गई। उल्लेखनीय है कि इस कार्यशाला में बाल संरक्षण से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई।
चिल्ड्रन इन नीड ऑफ़ केयर एंड प्रोटेक्शन(सीसीएनपी) की दी जानकारी
इस कार्यशाला में ऐसे बच्चे जिनके मां बाप नहीं है, जो मजदूर हैं एवं जिन्हें स्पेशल केयर की जरूरत है उनका आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के द्वारा सर्वे किया जाएगा तथा सर्वे के अनुसार बच्चों को विभिन्न कैटेगरी में विभाजित किया जाएगा। जैसे जो पहले से ही फास्टर केयर मैं रजिस्टर्ड है, आंगनवाड़ी में पंजीकृत है या अन्य किसी संस्था मैं रजिस्टर्ड है देखा जाएगा। इस चरण के बाद बचे हुए बच्चों को सीसीएनपी के अंतर्गत स्पेशल केयर प्रदान की जाएगी ।
इस कार्यशाला में महिला एवं बाल विकास विभाग की संयुक्त संचालक संध्या व्यास जी ,जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ सी एल पासी ,सहायक संचालक श्री विष्णु प्रताप सिंह राठौर ,समस्त परियोजना अधिकारी ,आंगनवाड़ी कार्यकर्ताएं, शिक्षा विभाग के अधिकारी तथा स्वयंसेवी संस्थाओं ने भाग लिया।