केन्द्रीय संचार राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा कि अनेकता में एकता का प्रतीक दिव्य कुम्भ डाक-टिकट के माध्यम से लोगों के दिलो दिमाग में एक अमिट छाप बनाने वाला हैं।
मीडिया सेंटर में कुम्भ मेला पर स्मारक डाक टिकट का विमोचन करने के बाद कहा कि प्रयागराज का कुम्भ मेला देश नहीं बल्कि पूरी दुनिया के आकर्षण का केन्द, बना हुआ है। श्री सिन्हा ने कुम्भ को हिन्दू धर्म की तीर्थयात्रा बताया जिसमें पूरी दुनिया से श्रद्धालु आ रहे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने प्रयास से कुम्भ को अविस्मरणीय आयोजन बनाने का काम किया है।
उन्होने कहा कि डाक टिकट किसी भी राष्ट्र की संप्रभुता का प्रतीक नहीं होता बल्कि चित्रों के रूप में एक दूत की भूमिका का निर्वहन भी करता है। निकट भविष्य में डाक विभाग को कई लाभकारी तकनीक से जोड़ जायेगा जिसमें डाक जीवन बीमा, पासपोर्ट सेवा एवं एडवान्स पार्सल सिस्टम मुख्य है। डाक टिकट की शुरुआत कागज के एक टुकड़ के रूप में हुई और जो डाक-शुल्क की प्राप्ति के रूप में प्रदान किया जाता था। यह राष्ट्रीय धरोहरों एवं घटनाओं को स्मरण करने, मनाने एवं प्रोत्साहित करने का माध्यम है।
सिन्हा ने कहा कि फिलेटली डाक प्रशासन की ब्रांड छवि है और देश की संप्रभुता की अभिव्यक्ति है। इनमें सबसे प्रमुख हैं, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जिनको स्मारक और नियत डाक टिकटों से सम्मानित किया गया है। पेंटिंग, साहित्य, विज्ञान, संगीत,सामाजिक उत्थान आदि क्षेत्रों में योगदान देने वाले व्यक्तियों को भी सम्मानित किया गया है।
राज्यमंत्री ने कहा कि विशिष्ट आयोजना, व्यक्तियों एवं राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय घटनाओं पर विभाग स्मारक डाक टिकट जारी करता है। पहले इस प्रकार के आयोजनों से सरकार बचा करती थी लेकिन मौजूदा सरकार ने देश की सांस्कृतिक, धार्मिक और पारम्परिक रूप से प्रसिद्ध घटनाओं पर अनेक डाक टिकट पिछले कुछ वर्षों में अनेक महापुरूष जो इतिहास के पन्नों में भुला दिए गए थे, उनकी स्मृति में डाक टिकट जारी किए हैं।
उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा और मार्गदर्शन में भारतीय ड़क विभाग ने पिछले साढ़ चार वर्षों में अनेक क्षेत्रों में कदम रखा है। उन्होंने कहा कि ‘‘हमारी सबसे बड़ विरासत डाकिए की विश्वसनीयता रही है। सुदूर गांव में डाकिया सब का दोस्त है। वह सिनेमा सब ने देखा होगा जिसमें ‘‘डकिया डाक लाया’’ न सुना हो और न गुनगुनाया हो।
विज्ञान और इंटरनेट के आविष्कार के बाद सामान्य तौर पर ड़क विभाग के सामने कठिन चुनौती खड़ हो गयी थी लेकिन उसका सामने करने के लिए हमने कई अन्य क्षेत्रों में कदम रखा है। उन्होंने कहा कि डाक विभाग अपनी विश्वसनीयता को पुन: बनाये रखने में और संसाधन जुटाने में भी समर्थ होगा।
कुंभनगर कुम्भ को ज्ञान के प्रकाश का ह्मोत बताते हुये उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द, मोदी के प्रयास से कुम्भ मेले को ‘यूनेस्को’ ने मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत दी गयी है, पूरे देश के लिए यह गौरव का विषय है। कुम्भ मेला एक ऐसा अछ्वुद आयोजन है। खगोल विज्ञान, ज्योतिष विज्ञान, आध्यात्मिकता, परम्परिक अनुष्ठान, सामाजिक एवं सांस्कृतिक रीति रिवाज हो यह सब का संगम प्रयागराज में देखने को मिल रहा है।
इस मौके पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, मंत्री नन्द गोपाल नन्दी, चीफ पोस्टमास्टर जनरल विनय प्रकाश सिंह एवं डाक विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहें। कार्यक्रम के दौरान डॉ मनीषी बंसल एवं सुनील कुमार राय निदेशक डाक सेवाएं के द्वारा लिखी गयी पुस्तक ‘प्रयागराज- द सिटी आफ सेक्रीफाइस’ का विमोचन भी संचार राज्य मंत्री ने किया।
उत्तर प्रदेश डाक परिमण्डल के चीफ पोस्टमास्टर जनरल वी.पी। सिंह ने कहा कि डाक विभाग निरंतर तकनीकी रूप से स्वयं को सक्षम बना रहा है और आने वाले भविष्य में न केवल सेवाओं का सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों तक विस्तार किया जायेगा बल्कि जनमानस की आशाओं पर खरा उतरने की पूरी कोशिश की जायेगी।