
IPL के पूर्व अध्यक्ष ललित मोदी ने दक्षिण प्रशांत महासागर के छोटे से देश वनुआतु की नागरिकता प्राप्त कर ली है. इस बात की जानकारी विदेश मंत्रालय ने दी है. भगोड़े ललित मोदी ने लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग में पासपोर्ट जमा करने का आवेदन किया. इसमें उन्होंने वनुआतु (Vanuatu) की नागरिकता लेने की बात कही है. इससे करीब 15 साल पहले भारत से भागे ललित मोदी के प्रत्यर्पण की राह और मुश्किल हो गई है. वित्तीय अनियमितताओं की जांच से बचने उन्होंने यह कदम उठाया है.
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के पूर्व अध्यक्ष ललित मोदी ने अपनी भारतीय नागरिकता त्याग दी है. हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय स्रोतों से प्राप्त ललित मोदी के वानुअतु पासपोर्ट की एक प्रति से पता चला था कि उनकी नई नागरिकता 30 दिसंबर, 2024 को औपचारिक रूप से स्वीकृत हुई थी. हालांकि अब उनके वनुआतु की नागरिका हासिल करने की की पुष्टि विदेश मंत्रालय ने कर दी है.भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को कहा कि कहा कि ललित मोदी ने लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग में अपना पासपोर्ट जमा करने के लिए आवेदन किया है. उन्होंने कहा कि मौजूदा नियमों और प्रक्रियाओं के तहत इसकी जांच की जाएगी. इसमें यह भी बताया गया है कि उन्होंने वनुआतु की नागरिकता हासिल कर ली है. कानून के तहत उनके खिलाफ मामले को आगे बढ़ा रहे हैं.
ईडी की रडार में ललित मोदी
गौरतलब है कि वित्तीय कदाचार, मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी मुद्रा कानूनों के उल्लंघन के आरोपों के बीच 2010 में भारत से भागे मोदी कई वर्षों से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के दायरे में हैं. भारतीय अधिकारियों के लगातार प्रयासों के बावजूद, ललित मोदी ने अभियोजन से सफलतापूर्वक बचने में सफल हाे गया है. लिहाजा ऐसे में अब नागरिकता मिलने के बाद भारत सरकार और ईडी के सामने अब ललित मोदी के प्रत्यर्पण को सुरक्षित करने की एक बड़ी चुनौती है.
आपको बता दें कि विदेशी नागरिकता प्राप्त करने से भारत द्वारा उन्हें प्रत्यर्पित करने के प्रयास प्रभावी रूप से जटिल हो गए हैं. इससे पहले भगोड़े हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी ने कानून से बचने के लिए एंटीगुआ की नागरिकता हासिल कर ली थी