बीते ग्यारह माह में मध्यप्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं में हुआ उल्लेखनीय सुधार-स्वास्थ्य मंत्री

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लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा है कि बीते 11 माह में मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। प्रदेश के 20 जिलों के 89 अधिसूचित विकासखण्डों में मुख्यमंत्री सुषेण संजीवनी योजना प्रारंभ की जा रही है। साथ ही राज्य सरकार हेल्थ इन्वेस्टर्स पॉलिसी और फार्मा पॉलिसी को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है।
मंत्री सिलावट ने आज इंदौर में बताया कि प्रदेशवासियों को स्वास्थ्य का कानूनी अधिकार देने के लिये विधान सभा के शीतकालीन सत्र में राईट-टू-हेल्थ विधेयक प्रस्तुत करने की तैयारी की जा रही है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में विरासत में मिली बद्हाल व्यवस्था को सुधार कर जनोपयोगी बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं। राईट-टू-हेल्थ को कानूनी जामा पहनाने के लिये ड्राफ्टिंग कमेटी गठित की गयी है। यह कमेटी सभी व्यवहारिक, कानूनी और प्रशासनिक पहलुओं को ध्यान में रखकर विधेयक का मसौदा तैयार कर रही है। यह मसौदा शीघ्र ही एडवाईजरी बोर्ड को प्रस्तुत किया जाएगा। श्री सिलावट ने बताया कि एडवाईजरी बोर्ड में लोक स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ.के. श्रीनाथ रेड्डी (अध्यक्ष पीएचएफआई), डॉ. के. सुजाता राव, श्री ए.के.शिवकुमार, डॉ.व्ही.विजय कुमार(डायरेक्टर एनएलआईयू), डॉ. वन्दना गुरनानी(अतिरिक्त स्वास्थ्य सचिव, भारत सरकार) और अन्य विशेषज्ञ शामिल हैं।
स्वास्थ्य सेवाओं में 2 हजार से ज्यादा रिक्त पदों की पूर्ति हुई
मंत्री सिलावट ने बताया है कि चिकित्सकों और चिकित्सालय से जुड़े स्टाफ की कमी को प्राथमिकता से पूरा किया जा रहा है। प्रदेश में अब तक 600 संविदा एनएचएम चिकित्सकों, 1002 बन्ध पत्र चिकित्सकों और 547 पीएससी बैकलॉग चिकित्सकों की नियुक्ति की गई है। सेवानिवृत्त 100 चिकित्सकों की सीधी भर्ती प्रक्रियाधीन है। प्रदेश में 1033 स्टाफ नर्सों की नियुक्ति की गई है और 760 स्टाफ नर्सों की भर्ती प्रकिया चल रही है। उन्होंने बताया कि 1550 कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर की नियुक्ति की गई है तथा 2019 एएनएम की भर्ती की प्रक्रिया चल रही है।
महानगरों के प्रत्येक वार्ड में खुलेंगे संजीवनी क्लीनिक
मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा है कि प्रदेश के महानगरों के प्रत्येक वार्ड में संजीवनी क्लीनिक खोले जायेंगे। साथ ही, 4366 संविदा पैरा-मेडिकल पदों पर शीघ्र नियुक्ति की जा रही है। एनएचएम में 279 संविदा होम्योपैथी चिकित्सा अधिकारियों की भी नियुक्ति की जा रही है। श्री सिलावट ने कहा कि एनएचएम के अन्तर्गत 351 संविदा आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी और 80 संविदा यूनानी चिकित्सा अधिकारी की भर्ती की जा रही है। उन्होंने बताया कि अगले ढाई वर्षों में 10,000 कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर और 42 संविदा दन्त शल्य चिकित्सकों की भर्ती की जाएगी।
मिलावट-मुक्त प्रदेश बनाने संजीदा प्रयास हुए
मंत्री सिलावट ने बताया है कि मध्यप्रदेश को मिलावट-मुक्त प्रदेश बनाने के लिये 19 जुलाई 2019 से 18 नवम्बर 2019 तक ”शुद्ध के लिये युद्ध” अभियान चलाया गया। अभियान के दौरान दूध एवं दूध के अन्य उत्पादों तथा अन्य खाद्य पदार्थों और पान मसाला सहित कुल 9283 नमूने जाँच के लिये इकट्ठा किये गये। अभी तक मिलावटखोरी करने वाले कारोबारियों के विरूद्ध 94 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं और 32 कारोबारियों के खिलाफ रासुका की कार्रवाई की गई है। उन्होंने बताया कि आज तक 3963 नमूनों की जाँच में 840 अवमानक, 231 मिथ्या छाप, 42 मिलावटी, 38 असुरक्षित और 30 प्रतिबंधित नमूने पाये गये हैं।
सिलावट ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार में मिलावटखोरी करने वाले कारोबारियों के खिलाफ कार्यवाही करने में लापरवाही के कारण नई सरकार को ”शुद्ध के लिये युद्ध” अभियान चलाना पड़ा।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने बताया कि मिलावटखोरी को पूरी तरह समाप्त करने के लिये राज्य सरकार प्रतिबद्ध होकर निरन्तर प्रयास कर रही है। राज्य सरकार ने इन्दौर, ग्वालियर और जबलपुर में आधुनिक प्रयोगशाला खोलने का फैसला लिया है। प्रयोग शालाओं का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। श्री सिलावट ने कहा कि इन प्रयोगशालाओं के अतिरिक्त प्रदेश में 2 आधुनिक चलित खाद्य प्रयोगशाला संचालित हैं और 2 अतिरिक्त नवीन चलित खाद्य प्रयोगशाला शुरू करने को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

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