नई दिल्ली: भारतीय थल सेनाध्यक्ष (सीओएएस) जनरल उपेंद्र द्विवेदी नेपाल की पांच दिवसीय आधिकारिक यात्रा के बाद रविवार को भारत लौट आए। इस दौरान उन्होंने नेपाली सेना के साथ रणनीतिक चर्चा की। सेनाध्यक्ष ने यहां गोरखा दिग्गजों के साथ बातचीत की। उन्होंने नेपाली सेना प्रमुख को भारत आने का औपचारिक निमंत्रण भी दिया। रक्षा मंत्रालय का मानना है कि सेनाध्यक्ष की यह नेपाल यात्रा काफी सफल रही। इस यात्रा ने दोनों देशों के बीच मजबूत रक्षा सहयोग, सांस्कृतिक संबंधों और आपसी सम्मान को मजबूत किया है। दोनों सेनाओं के बीच दोस्ती के संकेत के रूप में, भारतीय सेना ने नेपाली सेना को वेलोर माउंट घोड़े और सेंटिनल डॉग भेंट किए हैं। जनरल उपेन्द्र द्विवेदी को नेपाल के राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल द्वारा शीतल निवास, काठमांडू में नेपाली सेना के जनरल के मानद रैंक से सम्मानित किया गया। यह अनूठी परंपरा भारतीय और नेपाली सेनाओं के बीच गहरे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को रेखांकित करती है। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक ये चर्चाएं वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए साझा प्रतिबद्धता को मजबूत करने, सैन्य संबंधों, संयुक्त अभ्यास, प्रशिक्षण सहयोग और क्षमता विकास को बढ़ाने पर केंद्रित थीं।
अपनी यात्रा के दौरान, सीओएएस ने नेपाल के राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व के साथ व्यापक स्तर पर बातचीत की। उन्होंने नेपाल के राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल के साथ उच्च-स्तरीय बैठक की। इसके साथ ही सेनाध्यक्ष ने नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली के साथ भी महत्वपूर्ण मुलाकात की। इस यात्रा में उन्होंने नेपाल के रक्षा मंत्री मनबीर राय से भी बातचीत की। इंडियन आर्मी के चीफ व नेपाली सेना के सीओएएस जनरल अशोक राज सिगडेल और अन्य वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के साथ भी सार्थक चर्चा हुई। ये बातचीत आपसी सम्मान व द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाती है। सीओएएस ने नेपाल में आयोजित एक समारोह में वीर स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर नेपाल के बहादुरों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। बाद में, उन्होंने नेपाली सेना मुख्यालय में गार्ड ऑफ ऑनर की समीक्षा की।
भारत-नेपाल संबंधों को मजबूत करना यात्रा का केंद्रीय विषय था। जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने नेपाली सेना के सीओएएस जनरल अशोक राज सिगडेल से मुलाकात की और द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को मजबूत करने के लिए आपसी हित और इससे संबंधित पहलुओं पर चर्चा की। सीओएएस ने दोनों देशों और उनकी सेनाओं के बीच अद्वितीय सांस्कृतिक और सामाजिक संबंधों का प्रत्यक्ष अनुभव किया। द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में उनके महत्व को पहचानते हुए, भारतीय और नेपाली सेनाओं के बीच बढ़ते सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर भी चर्चा की गई। शिवपुरी में नेपाल आर्मी कमांड एंड स्टाफ कॉलेज में सीओएएस ने “युद्ध के बदलते चरित्र” पर एक व्याख्यान दिया। उन्होंने दोनों सेनाओं की दक्षताओं और क्षमताओं के पारस्परिक निर्माण के लिए प्रतिबद्धताओं को मजबूत और गहरा करने पर जोर दिया।
सीओएएस ने पोखरा में पूर्व सैनिक रैली में भाग लिया, और गोरखा दिग्गजों के साथ बातचीत की। सीओएएस ने विभिन्न क्षेत्रों में उनके योगदान को स्वीकार करते हुए उनकी भूमिका की सराहना की। रैली के दौरान एक भावुक क्षण 18वीं बटालियन, जम्मू और कश्मीर राइफल्स के सूबेदार मेजर और मानद कैप्टन गोपाल बहादुर थापा (सेवानिवृत्त) के साथ उनकी बातचीत थी, जो उनकी अपनी इकाई के सूबेदार मेजर थे। उन्होंने उनके कल्याण के लिए भारत सरकार की अटूट प्रतिबद्धता को भी दोहराया, जिसमें बुटाला और डुंगाधी में एक-एक ईसीएचएस पॉलीक्लिनिक के अलावा ईसीएचएस पैनल में शामिल अस्पतालों की संख्या में वृद्धि की घोषणा भी शामिल है। ये पहल पूर्व सैनिकों के कल्याण के प्रति भारत सरकार और भारतीय सेना के संकल्प को दर्शाती है।