रूस और अमेरिकी टेक कंपनी गूगल के बीच का तनाव एक नए मुकाम पर पहुंच गया है। हाल ही में, रूस की एक अदालत ने गूगल पर 20 डेसिलियन डॉलर का भारी-भरकम जुर्माना लगाया है, जो कि 2 के बाद 34 शून्य होते हैं। यह रकम इतनी विशाल है कि पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था भी इसे कवर नहीं कर सकती।
क्यों लगा गूगल पर जुर्माना?
यह विवाद तब शुरू हुआ जब यूट्यूब ने 2022 में रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद रूसी सरकारी मीडिया चैनलों, जैसे RT और स्पूतनिक, पर वैश्विक प्रतिबंध लगा दिया था। यूट्यूब ने इन चैनलों पर हिंसक घटनाओं को गलत तरीके से प्रस्तुत करने का आरोप लगाया था, जिसके कारण रूस ने इसे अदालत में चुनौती दी।
जुर्माने की राशि का प्रतीकात्मक महत्व
हालांकि जुर्माने की राशि असंभव रूप से बड़ी है, रूस इसे प्रतीकात्मक उपाय मानता है। इसका उद्देश्य यह दर्शाना है कि रूस यूट्यूब द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को कितनी गंभीरता से लेता है। रूसी प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि इस फैसले का लक्ष्य अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान इस मुद्दे की गंभीरता की ओर आकर्षित करना है।
गूगल पर पहले भी लगे हैं प्रतिबंध
यह पहली बार नहीं है कि रूस ने गूगल पर जुर्माना लगाया है। 2020 से, रूसी मीडिया आउटलेट्स पर प्रतिबंध लगाने के मामले में गूगल पर रोजाना 1,000 डॉलर का जुर्माना लगाया जा रहा है। रूस के 17 मीडिया प्रसारकों ने अदालत में अपील की है, जिसमें उनके चैनलों का प्रसारण फिर से शुरू करने की मांग की गई है।
गूगल का रूस में परिचालन
यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद, गूगल ने रूस में अपने कई कार्यों को सीमित कर दिया था, हालांकि यूट्यूब और गूगल सर्च जैसी सेवाएं अब भी सक्रिय हैं। रूस और अमेरिका के बीच यह तकनीकी टकराव यूक्रेन युद्ध के बाद से और बढ़ गया है।
क्या गूगल को चुकानी होगी यह राशि?
जानकारों का मानना है कि यह भारी-भरकम जुर्माना प्रतीकात्मक है और गूगल को इसे चुकाने की जरूरत नहीं होगी। इसका उद्देश्य गूगल पर दबाव बनाना है, ताकि वह रूसी चैनलों पर लगाए गए प्रतिबंध को हटाने पर विचार करे।