भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सम्मेलन में भाग लेने के लिए पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद पहुंच गए हैं. उन्हें नूर खान एयरबेस पर पाकिस्तानी अधिकारियों ने स्वागत किया.यह सम्मेलन 15 और 16 अक्टूबर को आयोजित होने वाला है, जिसमें जयशंकर 24 घंटे से भी कम समय बिताएंगे. उन्हें उम्मीद है कि वे पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा आयोजित रात्रिभोज में भी शामिल होंगे.
9 साल बाद भारत के विदेश मंत्री पाकिस्तान पहुंचे
विदेश मंत्री एस. जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) सम्मेलन में भाग लेने के लिए पाकिस्तान की यात्रा पर पहुंचे हैं. यह नौ साल बाद पहला मौका है जब कोई भारतीय विदेश मंत्री पाकिस्तान का दौरा कर रहा है. इससे पहले, दिसंबर 2015 में तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पाकिस्तान गई थीं, जहां उन्होंने अफगानिस्तान पर हुई एक सम्मेलन में भाग लिया था. हालांकि, कश्मीर मुद्दे और सीमा पार आतंकवाद के कारण भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में तनाव बना हुआ है.
SCO Summit: शंघाई सहयोग संगठन क्या है
शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की शुरुआत अप्रैल 1996 में हुई, जब चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान ने एक बैठक की. इसका मुख्य उद्देश्य आपस में नस्लीय और धार्मिक तनावों को कम करना था, और इसे उस समय ‘शंघाई फाइव’ के नाम से जाना जाता था.
हालांकि, इसका वास्तविक गठन 15 जून 2001 को हुआ, जब चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, तजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान ने ‘शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन’ की स्थापना की. इसके बाद, नस्लीय और धार्मिक तनावों को दूर करने के साथ-साथ व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया गया.
शंघाई फाइव की स्थापना का प्राथमिक उद्देश्य चीन और रूस की सीमाओं पर तनाव को रोकना और उन्हें सुधारना था, खासकर तब जब नए स्वतंत्र देशों के बीच तनाव बढ़ रहा था. यह उद्देश्य केवल तीन साल में हासिल कर लिया गया, जिससे इसे सबसे प्रभावी संगठनों में से एक माना गया.