मध्य प्रदेश के नए मुख्य सचिव अनुराग जैन बुधवार को भोपाल पहुंचेंगे और गुरुवार को पदभार ग्रहण करेंगे। नवरात्रि के पहले दिन से प्रदेश के 35वें मुख्य सचिव के तौर पर उनका कार्यकाल शुरू होगा, जो अगस्त 2025 तक रहेगा। सोमवार को दिनभर चली प्रशासनिक उठापटक के बाद अनुराग जैन को मुख्य सचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई है। मध्य प्रदेश कैडर के 1989 बैच के आईएएस अफसर जैन 2020 से ही दिल्ली में प्रतिनियुक्ति पर केंद्र सरकार में काम कर रहे थे। इकबाल सिंह बैंस के रिटायरमेंट के समय भी 2022 में मुख्य सचिव पद के लिए अनुराग जैन का नाम चर्चा में आया था। उस समय केंद्र सरकार ने उन्हें रिलीव नहीं किया था। इस बार भी ऐसा ही लग रहा था कि केंद्र सरकार उन्हें मध्य प्रदेश भेजने के लिए राजी नहीं है। बकौल जैन दोपहर 12 बजे प्रमुख सचिव का फोन कॉल आया और सबकुछ बदल गया। उन्हें बताया गया कि केंद्र सरकार उन्हें रिलीव कर रही है और उन्हें मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव की जिम्मेदारी संभालनी है। सोमवार देर शाम डीओपीटी की कैबिनेट नियुक्ति समिति की सचिव मनीषा सक्सेना ने जैन को सड़क एवं परिवहन मंत्रालय से मध्य प्रदेश वापस भेजने की अनुमति दी। इसके बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने उन्हें मुख्य सचिव नियुक्त करने के आदेश जारी किए।
देर रात तक करते रहे मीटिंग
केंद्रीय मंत्रालय में सचिव की भूमिका निभा रहे अनुराग जैन खुद भी मध्य प्रदेश आना चाहते थे। इस वजह से उन्हें खुशी तो थी, लेकिन मंत्रालय की जिम्मेदारी भी थी। सोमवार देर रात एक बजे तक तो मीटिंग्स ही चलती रही। उनके मातहत अधिकारियों को हैंडओवर की प्रक्रिया ही चलती रही। इस वजह से वे मंगलवार को भोपाल नहीं पहुंच सके।
नियुक्ति के बाद लगा बधाइयों का तांता
जैसे ही राज्य सरकार की ओर से आदेश जारी हुआ, अनुराग जैन के पास बधाइयों के फोन कॉल्स आने लगे। अधिकारियों, पत्रकारों और अन्य परिचितों के फोन घनघनाने लगे। इस सबके बीच हैंडओवर की कार्यवाही भी चलती रही।
सुझाव ले रहा हूं, इसके बाद प्राथमिकता तय होगी
मध्य प्रदेश के नए मुख्य सचिव अनुराग जैन ने कहा कि इस समय तो पूर्व और वरिष्ठ अफसरों से सुझाव ले रहा हूं। फीडबैक ले रहा हूं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से बातचीत हो चुकी है। फिर भोपाल जाकर पदभार ग्रहण करने के बाद भी फीडबैक का सिलसिला जारी रहेगा। पहले दिन तो प्राथमिकता तय होती नहीं है। मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में प्राथमिकताएं भी तय हो जाएंगी।