आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने शुक्रवार को कहा कि वो मौजूदा मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के इस आरोप के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखेंगे। नायडू की तरफ से कहा गया है कि वाईएसआरसीपी नेता के शासनकाल के दौरान तिरुपति मंदिर में लड्डू तैयार करने में पशु वसा का इस्तेमाल किया गया था। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार रेड्डी के हवाले से कहा कि आखिरकार, मैं खुद प्रधानमंत्री को एक पत्र लिख रहा हूं। मैं भारत के मुख्य न्यायाधीश को भी एक पत्र लिख रहा हूं। मैं उन्हें समझा रहा हूं कि चंद्रबाबू नायडू ने किस तरह तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया और ऐसा करने के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों की जानी चाहिए। नायडू ने आरोप लगाया था कि पिछली सरकार के दौरान तिरुपति लड्डू बनाने में पशु वसा का इस्तेमाल किया गया था।
आंध्र प्रदेश के मंत्री नारा लोकेश ने एक वीडियो क्लिप शेयर किया नायडू यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि पहले तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर मंदिर में ‘घी’ के स्थान पर ‘तिरुपति प्रसादम’ में पशु वसा का उपयोग किया जाता था। हमें तिरुपति लड्डू बनाने में इस्तेमाल किए गए घी की लैब रिपोर्ट मिली है। दोनों रिपोर्टों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि एस वैल्यू के आधार पर एक विशेष वसा निर्धारित सीमा के भीतर नहीं है और यह दूध वसा नहीं है, यह घी नहीं है। यह वनस्पति तेलों का मिश्रण है, और चौंकाने वाली बात यह है कि इसमें गोमांस वसा और सूअर वसा है।
आंध्र प्रदेश भारतीय जनता पार्टी ने अपने आधिकारिक खाते से एक पोस्ट में कहा कि लड्डू मुद्दे पर मुख्यमंत्री नायडू की टिप्पणी से सभी हिंदुओं को पीड़ा हुई है। पार्टी ने राज्य सरकार से अपील की कि पिछली सरकार में हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले सभी मुद्दों की तुरंत जांच की जाए। केंद्रीय मंत्री बंदी संजय कुमार ने कहा कि लड्डू बनाने में पशु चर्बी का कथित उपयोग भगवान वेंकटेश्वर में आस्था रखने वाले हिंदुओं की आस्था और विश्वास के साथ गहरा विश्वासघात है।