जबलपुर. दमोह में मिशनरी अस्पताल के संचालक डॉक्टर अजय लाल के फरार होने के आरोप के मामले में हाईकोर्ट ने जवाब तलब किया है. हाईकोर्ट ने महाधिवक्ता कार्यालय से पूछा है कि आखिर उन्होंने किसके कहने पर कोर्ट को डॉ अजय लाल के फरार होने की जानकारी दी थी. कोर्ट ने महाधिवक्ता कार्यालय को कहा कि वो अपना जवाब हलफनामे में कि आखिर किसके कहने पर उन्होंने डॉक्टर अजय लाल को भगोड़ा बताने की कोशिश की.
दरअसल, दमोह जिले में मिशनरी अस्पताल के संचालक डॉक्टर अजय लाल की याचिका पर सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता कार्यालय से हाईकोर्ट को बताने की कोशिश की गई थी. अजय लाल पेशी पर ना आकर देश छोड़कर फरार हो गया है. लेकिन इस मामले में सुनवाई के दौरान अजय लाल स्वयं वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तंखा के साथ कोर्ट में हाजिर होकर हो गए.
अजय लाल के वकील विवेक तंखा कोर्ट को बताया कि महाधिवक्ता कार्यालय के द्वारा उनके फरार होने की जो जानकारी दी गई है. वह पूरी तरह गलत है. इसके बाद हाईकोर्ट ने महाधिवक्ता कार्यालय से पूछा कि आखिर किसके कहने पर उन्होंने हाई कोर्ट को गलत जानकारी दी. हाईकोर्ट ने महाधिवक्ता कार्यालय को कहा है कि वह अपना जवाब हलफनामा देकर बताए की आखिर वह कौन शख्स है, जिसने डॉ अजय लाल को भगोड़ा बताया था.
क्या है पूरा मामला
बता दें कि सागर एसपी ने डॉक्टर अजय लाल के खिलाफ मानव तस्करी और संवैधानिक रूप से एडॉप्शन करने का मामला दर्ज किया था. जिसको डॉक्टर अजय लाल ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. जिस पर महाधिवक्ता कार्यालय द्वारा हाई कोर्ट को बताया गया था कि डॉक्टर अजय लाल देश छोड़कर अमेरिका भाग चुका है. अब अजय लाल के अधिवक्ता ने कोर्ट से सागर एसपी के खिलाफ कोर्ट के वह मन और झुके प्रकरण दर्ज करने के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.