एक समाचार पत्र के प्रोग्राम में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कई पहलुओं पर अपने विचार साझा करे। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दिल्ली-एनसीआर में सर्दी शुरू होते ही बढ़ने वाले वायु प्रदूषण और जाम की समस्या से निजात दिलाने को लेकर कराए गए कार्यों और आगामी योजना के बारे में बताया। उन्होंने दावे के साथ कहा कि इस बार पराली जलनी बंद हो जाएगी। साथ ही दिसंबर के बाद 80 से 90 फीसदी तक जाम से मुक्ति मिल जाएगी।
दिल्ली-एनसीआर की सबसे बड़ी समस्या प्रदूषण है। अक्तूबर से लेकर जनवरी-फरवरी तक बुरा हाल होता है। दिल्ली गैस चेंबर में तब्दील हो जाती है। कई बार तो एक्यूआई इतना बढ़ जाता है कि पैमाना भी उसे नाप नहीं पाता। पराली और सड़कों से उड़ने वाली धूल इसकी बड़ी वजह बताई जाती है?
जवाब- केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि पराली का भाव ढाई हजार रुपये टन हो गया है। पराली से सीएनजी बन रही है। पराली से एथेनॉल बन रहा है, बिटुमिन बना रहा है। इस बार आप देखेंगे तो पराली जलेगी ही नहीं। दूसरी बात दिल्ली-एनसीआर में 60 हजार करोड़ की रोड बनाई है। यूईआर-टू बनकर तैयार है। द्वारका एक्सप्रेसवे और दिल्ली की रिंग रोड हमने बनवाई। काफी रोड बनीं। दिसंबर के बाद दिल्ली को ट्रैफिक जाम से 80 से 90 फीसदी मुक्ति मिलेगी। पराली जलना इस बार बंद हो जाएगी। दोनों का परिणाम अक्तूबर के बाद क्या होगा? हम देखेंगे। इसके बाद ही कुछ कह पाएंगे।
गाजीपुर का 80 लाख टन कचरा सड़क में डलवाया: गडकरी
बातचीत के दौरान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने गाजीपुर के कूड़े के पहाड़ का भी जिक्र किया। कहा कि हमने उसका 80 लाख टन कचरा निकालकर रोड में डाला है। आज भी मैंने कहा कि हर शहर में जो कचरा है उसे रोड में डालो। हम उसे पृथक करते हैं। हम खुद प्लास्टिक से क्रूड पेट्रोल बनाते हैं। अब धीरे-धीरे प्लास्टिक, मेटल, ग्लास पृथक करके बाकी का कचरा रोड में डालते हैं। पानीपत से आते हैं वहां से एक रोड बनवाई है, यूईआर-टू। वहां से द्वारका एक्सप्रेसवे हाईवे आए होंगे, वहां शिव मूर्ति के नीचे 10-12 लेन का टनल, उसके ऊपर 12 लेन का रोड और उसके ऊपर फ्लाईओवर बनाया है। इस बार दिल्ली में काफी बदलवा किए। अभी दिल्ली एयरपोर्ट से जेवर एयरपोर्ट जोड़ रहे हैं। दिल्ली का ट्रैफिक जाम और प्रदूषण कम करने के लिए काम हो रहा है। मैं जब कहता था कि इलेक्ट्रिक बस, इलेक्ट्रिक कार, इलेक्ट्रिक स्कूटर तब पत्रकार पूछते थे कि रास्ते में गाड़ी बंद होगी तो कौन धक्का मारेगा? अब पूरे दिल्ली की बसें देखे तो आपको हरे रंग की नंबर प्लेट मिलेगी। चार गाड़ी के पीछे एक इलेक्ट्रिक दिखती है। इनसे धुआं ही नहीं होता। अब एथेनॉल आ गया है, फ्लेक्स इंजन का।
अपनी गाड़ी की खासियत आप बता रहे थे, मंच से इसकी खूबियां बता दीजिए?
यह विश्व की पहली गाड़ी है, जो यूरो सिक्स एमिशन नॉर्म्स को पूरी करती है। यह गाड़ी टोयटा की इनोवा है। यह 100 प्रतिशत एथेनॉल पर चलती है। एथेनॉल का रेट 60 रुपये है। इससे प्रदूषण और शोर नहीं होता है। फ्लेक्स इंजन की गाड़ियां टाटा, सुजुकी, टोयटा बना रही। स्कूटर भी आ रहे हैं।