ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि हिंदू धर्म में कई ऐसे रीति-रिवाज और परंपराएं हैं, जिनका पालन हमेशा ही करना चाहिए और उनमें गलतियां नहीं करनी चाहिए. गलती करने पर उल्टा आपका ही नुकसान हो सकता है और दुर्भाग्य का कारण बन सकता है. ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि पैर छूने के लिए कई अलग-अलग नियम बनाए गए हैं, जिसमें कुछ ऐसे सम्मानजनक लोग भी होते हैं, जिनके पैर छूने की मनाही है.
भूलकर भी न छुएं ससुर के पैर
जिनके पैर कभी नहीं छूने चाहिए उसमें सबसे पहले बात आती है दामाद-ससुर की. हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दामाद को भूलकर भी ससुर के पैर नहीं छूने चाहिए. ऐसा करने से दामाद और ससुर दोनों पाप के भागी बनते हैं. शास्त्रों के मुताबिक जब भगवान भोलेनाथ ने क्रोधित होकर दक्ष का सिर काटा था तभी से यह परंपरा चली आ रही है और यही वजह है कि उल्टा ससुर दामाद के पैर छूते हैं. वहीं बहुएं अपने सास-ससुर के पैर पूज सकती हैं.
मामा-मामी के पैर छूने की मनाही
दूसरा है भांजे और भांजियों को मामा और मामी के पैर कभी नहीं छूने चाहिए. शास्त्रों में भांजे-भांजियों को अति पूजनीय माना गया है, और अगर ये अपने मामा या मामी के पैर छूते हैं तो उल्टा उन्हें पाप लगता है.
पिता के पैर न छुए बेटी
हिंदू धर्म में घर की बेटी को देवी का स्वरूप माना जाता है. इसी वजह से बेटी को अपने पिता के पैर नहीं छूने चाहिए. ऐसा करने पर इसका उल्टा प्रभाव घर पर देखने मिलता है. हिंदू धर्म में पिता खुद अपनी बेटी के पैर छूते हैं.
लेटे हुए व्यक्ति के पैर न छुएं
शास्त्रों के मुताबिक कोई कितना भी पूजनीय क्यों न हो पर वह अगर लेटा हो या सो रहा हो, ऐसे में उस व्यक्ति के पैर नहीं छूने चाहिए. क्योंकि ऐसे में मृत व्यक्ति के पैर छुए जाते हैं, और ऐसा कहा भी जाता है कि अगर इस अवस्था में किसी के पैर छुए जाते हैं तो उस व्यक्ति की उम्र घटती है. इसलिए इस अवस्था में किसी के भी पैर नहीं छूने चाहिए.
कुंवारी कन्याओं को पैर न लगे
कुंवारी कन्याओं को देवी का स्वरूप माना जाता है, ऐसे में उन्हें गलती से भी पैर नहीं लगना चाहिए. शास्त्रों में ऐसा उल्लेख भी है कि कुंवारी कन्याओं से पैर भी नहीं छुआना चाहिए. अगर कोई कुंवारी कन्या आपके पैर छुए तो उसे तत्काल रोक दें. अन्यथा आप पाप के भागी बन सकते हैं. बदले में आपको खुद कुंवारी कन्याओं व छोटी बच्चियों के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लेना चाहिए.
पैर छूते वक्त यह भी ध्यान रखें
- जो भी संन्यासी व्यक्ति है उसे अपने गुरु के अलावा किसी के भी पैर नहीं छूने चाहिए.
- मंदिर के अंदर पुजारी के पैर छूकर उनकी तुलना भगवान से कदापि न करें.
- अगर आप अशुद्ध हैं, शौच की अवस्था में हैं, श्मसान घाट से आए हैं तो किसी के पैर न छुएं इससे उल्टा आपको ही पाप लग सकता है.