शिवराज सिंह चौहान ने पिछड़े वर्गों के लिए किये गये प्रयासों को लेकर मोदी सरकार की तारीफ की

पटना । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए किये गये प्रयासों को लेकर शुक्रवार को नरेन्द्र मोदी सरकार की तारीफ की तथा कांग्रेस नीत विपक्ष पर इस वर्ग के वास्ते महज ‘जुबानी जमाखर्च’ करने का आरोप लगाया। कृषि और किसान कल्याण एवं ग्रामीण विकास मंत्री चौहान स्वतंत्रता सेनानी रामफल मंडल की स्मृति में पार्टी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मंडल को तीन ब्रिटिश अधिकारियों की हत्या के आरोप में 19 साल की उम्र में फांसी पर चढ़ा दिया गया था। इन अधिकारियों को 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान की गयी पुलिस गोलीबारी के लिए जिम्मेदार समझा गया था।

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मंडल ‘धानुक’ थे और धानुक एक पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) है जिसे ‘‘मेरे राज्य एवं बिहार में राष्ट्रनिर्माण में योगदान के लिए जाना जाता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारे विरोधी पिछड़े वर्गों के नाम पर केवल दिखावा करते हैं जबकि वर्तमान भाजपा शासन में ही उसे (पिछड़े वर्ग को) उसका हक मिला और इस शासन में एक ‘अति पिछड़ा’ (अत्यंत पिछड़ा वर्ग) नरेन्द्र मोदी के हाथों में सत्ता की कमान है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह मोदी ही हैं जिन्होंने ‘नीट’ जैसी प्रवेश परीक्षाओं में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया। यही वह सरकार है जिसने राष्ट्रीय ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया। इसकी तुलना कांग्रेस से कीजिए जो कालेलकर आयोग की सिफारिशों पर सोती रही।’’

चौहान का यह बयान राहुल गांधी के नेतृत्व में विपक्ष द्वारा ‘जातीय जनगणना’ की जोरदार वकालत करने की पृष्ठभूमि में आया है, जिसका तात्पर्य अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और धार्मिक अल्पसंख्यकों के अलावा अन्य सामाजिक समूहों की गणना से है। ऐसी जनगणना आखिरी बार लगभग एक सदी पहले की गई थी। भाजपा नेता ने कहा, ‘‘सिर्फ़ बातें करने से काम नहीं चलेगा। हमें आम लोगों के जीवन में बदलाव लाने की जरूरत है। मोदी सरकार बेघरों के लिए अगले चार साल में 13 लाख घर बनाने के लिए कटिबद्ध है। लखपति दीदी जैसी योजनाओं के माध्यम से महिलाओं में उद्यमिता को बढ़ावा दिया जा रहा है।’’

कृषि मंत्री ने कहा, ‘‘हम कृषि उत्पादन में वृद्धि सुनिश्चित करने के साथ-साथ खेती की लागत में कमी लाने का भी प्रयास कर रहे हैं ताकि कृषि को आर्थिक रूप से अलाभकारी गतिविधि के रूप में न देखा जाए। बागवानी और फूलों की खेती जैसी गतिविधियों को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है तथा प्राकृतिक आपदाओं के कारण नुकसान सहने वाले किसानों को सहायता प्रदान की जा रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कृषि का विविधीकरण सरकार की योजना में शामिल है… पारंपरिक फसलों के साथ-साथ हम उन फसलों की खेती को प्रोत्साहित करेंगे जिनसे अधिक धन प्राप्त हो सकता है।

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