पेरिस ओलंपिक 2024 में 12वें दिन की शुरुआत से पहले ही एक खबर ने करोड़ों भारतीयों को दिल तोड़ दिया। दरअसल, रेसलर विनेश फोगाट को ओवरवेट के कारण फाइनल मुकाबले से पहले डिसक्वालिफाई कर दिया गया। विनेश को फीमेल 50 किलो कैटेगरी में फाइनल गोल्ड मेडल के लिए खेलना था। लेकिन मैच से पहले लिए गए वजन में उनका वजन 100 ग्राम ज्यादा पया गया। इसके बाद उन्हें अयोग्य घोषित किया गया है।
ऐसी स्थिति में लोगों के मन में सवाल है कि जब उन्होंने एक दिन पहले मैच खेला था, उस दौरान उनका वजन ठीक था। लेकिन एक दिन बाद उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया। ऐसे में जानते हैं कि आखिर रेसलिंग में वजन को लेकर क्या नियम हैं?
वजन के नियम?
ओलंपिक में कुश्ती के खिलाड़ियों के वजन को लेकर जो नियम हैं, उनके अनुसार पहलवानों का मैच से पहले वजन होता है और अगर दो रेसलर दो दिन बाउट लड़ते हैं तो दो दिन उनका वजन किया जाता है। नियमों के अनुसार, जिस दिन बाउट होता है, उसी दिन हर पहलवान का वजन सुबह में होता है।
हर भार वर्ग के लिए टूर्नामेंट में दो-दिवसीय अवधि में लड़ा जाता है। इसलिए जो भी पहलवान फाइनल पहुंचते हैं उनका दो दिन वजन होता है। पहले वेट इन के दौरान पहलवानों के पास वेट बनाने के लिए 30 मिनट का समय होता है। 30 मिनट में कई बार वजन कर सकते हैं लेकिन दूसरे दिन वेट इन सिर्फ 15 मिनट का होता है।
वजन करने के बाद खिलाड़ियों के स्वास्थ्य की जांच भी की जाती है। जिसमें खिलाड़ियों के नाखूनों की भी चेकिंग होती है कि कटे हुए हैं या नहीं। इस वजन के दौरान कुश्ती पहलवान को सिर्फ सिंगलेट पहनने की इजाजत होती है। इसके बाद अगले दिन टेस्ट करवाया जाता है और इस दिन वेट इन 15 मिनट तक चलता है।
वहीं विनेश के मामले में उन्हें एक दिन में 100 ग्राम वजन बढ़ गया। जिससे उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया है।
इसके साथ ही फ्रीस्टाइल रेसलिंग में कई वेट कैटेगरी होती है। महिलाओं में 50, 53, 57, 62, 76 किलो की कैटेगरी होती है। वहीं, पुरुषों की फ्रीस्टाइल कैटेगरी में 57, 65, 74, 86, 97, 125 किलो की कैटेगरी होती है।
क्या अब सिल्वर भी नहीं मिलेगा?
यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग के नियमों के अनुसार अगर कोई एथलीट वजन माप मं भाग नहीं लेता है या असफल हो जाता है, तो उसे प्रतियोगिता से बाहर कर दिया जाएगा और बिना रैंक के आखिरी स्थान पर रखा जाएगा। ऐसे में अब उनके हाथ में सिल्वर मेडल भी नहीं आएगा।