हिंदू पंचांग के अनुसार आज सावन शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है. इस दिन नाग पंचमी का त्योहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इसमें नाग देवता की विशेष पूजा की जाती है. नाग देवता भगवान शिव के गले की शोभा बढ़ाते हैं. हिंदू धर्म में नाग पंचमी का विशेष महत्व है. प्राचीन काल से ही सांपों को देवताओं की तरह पूजा जाता है. मान्यता है कि नाग की पूजा करने से सांप के काटने का भय समाप्त हो जाता है. नाग देवता भगवान भोलेनाथ के गले में भी लिपटे रहते हैं. धार्मिक मान्यता के अनुसार नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने से भक्तों को उनका आशीर्वाद मिलता है और कई अन्य प्रकार के शुभ फल भी प्राप्त होते हैं. नाग पंचमी के दिन यदि व्यक्ति अपनी राशि के अनुसार मंत्रों से नाग देवता की पूजा करे तो शुभ फलों की प्राप्ति कई गुना बढ़ जाती है. आइए जानते हैं नाग पंचमी के दिन राशि के अनुसार किन मंत्रों का जाप करना फलदायी होता है.
नाग पंचमी की पूजा का मंत्र
आज नागपंचमी पर भगवान गले का हार कहलाने वाले नाग देवता की पूजा का पुण्यफल पाने के लिए नीचे दिये गये किसी एक मंत्र का जप रुद्राक्ष की माला से जपें।
ॐ श्री भीलट देवाय नम:।।
ॐ भुजंगेशाय विद्महे, सर्पराजाय धीमहि, तन्नो नाग: प्रचोदयात्।।
ॐ नवकुलाय विद्महे, विषदन्ताय धीमहि तन्नो सर्प प्रचोदयात्।।
सर्प देवता का मंत्र
‘सर्वे नागा: प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथ्वीतले।
ये च हेलिमरीचिस्था ये न्तरे दिवि संस्थिता:।।
ये नदीषु महानागा ये सरस्वतिगामिन:।
ये च वापीतडागेषु तेषु सर्वेषु वै नम:।।’
आठ नागों का महामंत्र
अनन्तं वासुकिं शेषं पद्मनाभं च कम्बलम्।
शंखपालं धार्तराष्ट्रं तक्षकं कालियं तथा।।
एतानि नव नामानि नागानां च महात्मनाम्।
सायंकाले पठेन्नित्यं प्रात: काले विशेषत:।
तस्मै विषभयं नास्ति सर्वत्र विजयी भवेत्।।
नाग पंचमी पर मंत्रों से पूजा करने के लाभ
मान्यता है कि नाग पंचमी पर नाग देवता की पूजा करने से जीवन के कष्ट दूर होते हैं।
राशि के अनुसार मंत्रों से नागों की पूजा करने से मनचाहा फल मिलता है।
जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष है और जीवन में कई परेशानियां आ रही हैं, उन्हें नाग पंचमी पर मंत्रों का जाप करना चाहिए।