रतलाम। रतलाम पुलिस ने शहर के नहीं बल्कि देश के बहुचर्चित MTFE घोटाले का खुलासा किया है। पुलिस ने इस मामले में फर्जीवाड़े की 44 लाख रुपए की राशि, वापस भारतीय एकाउंट मे जमा करवाने में सफलता हासिल की है। जिसमें 108 करेंसी शामिल हैं। जबकि 26 करेंसी में पैसा जब्त किया गया। इस मामले में 7 आरोपी गिरफ्तार हुए हैं। वहीं मणिपुर के मास्टरमाइंड अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं।
क्राइम ब्रांच प्रभारी अमित शर्मा मनमोहन लक्ष्मीनारायण और विपुल की टीम ने 1 साल इस पर मेहनत की। तब जाकर जापान और सिंगापुर बेस्ड कंपनियों से 108 करेंसी में 44 लाख रुपय सीज कर भारत वापस लाया गया। जालसाजों के झांसे एमपी और राजस्थान के हजारों निवेशको ने करोड़ो रुपए फर्ज़ीवाड़े में गवाएं थे।
आरोपी एमटीएफई से बाईनेंस में अकाउंट बनाकर ओरिजनल क्रिप्टोकरंसी खरीदते थे। जालसाजों ने निवेशकों को झांसा दिया गया था कि वे MTFE में पैसे लगाकर 10 से 20 गुना हर महीने कमा सकते हैं। इसके बाद क्रिप्टोकरंसी की राशि को अपने एकाउंट में डालकर उनसे धोखाधड़ी की जाती थी। पुलिस ने बताया कि इस मामले में अब तक कुल 7 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं। वहीं मणिपुर के रहने वाले 2 मुख्य निवासी इनाकू पेमे और मर्सी पेमे इसके मास्टरमाइंड हैं।
एसपी राहुल लोढ़ा ने बताया कि इनाकू की बहन पुरापाईला पेमे और उसका चीन का रहने वाले पति हूं-जोंग भी इस फर्जीवाड़े में शामिल हैं। ये नटवरलाल इसके पहले भी दिल्ली में इसी तरह का ऐप बनाकर लोगों के साथ धोखाधड़ी कर चुके हैं। जिसकी एफआईआर दिल्ली में भी दर्ज है। दोनों मास्टरमाइंड की तलाश में रतलाम पुलिस मणिपुर में डेरा डाल चुकी है।
कैसे हुआ करोड़ों की ठगी का खुलासा
सबसे पहले अगस्त 2023 में रतलाम के जावरा पुलिस थाने में कुछ शिकायतकर्ताओं ने एमएलएम बिजनेस कंपनी एमटीएफई के विरुद्ध शिकायत दर्ज करवाई थी. जिसमें उनके द्वारा कंपनी में निवेश किए जाने और रुपए डूब जाने की शिकायत की गई थी. मामला जब रतलाम एसपी राहुल कुमार लोढ़ा के संज्ञान में आया तो इस मामले की गहराई से जांच की गई. इस क्षेत्र में कंपनी चला रहे नीमच निवासी हुजैफा जमाली और उसके अन्य साथियों को गिरफ्तार किया गया.
पुलिस पूछताछ में हुजैफा ने बताया कि ‘इस कंपनी को वेंडी नाम की एक विदेशी महिला चला रही है. रतलाम पुलिस की जांच में यह मामला क्रिप्टो करंसी ट्रेडिंग का सामने आया. पकड़े गए आरोपियों द्वारा निवेशकों का पैसा क्रिप्टोकरंसी में लगाया गया था. बाद में इस फर्जी कंपनी के तार बैंगलोर, श्रीलंका, मलेशिया और सिंगापुर से जुड़े होना पाया गया. रतलाम पुलिस ने जिले के अलग-अलग शिकायतकर्ताओं के 55 लाख रुपए वापस लाने के प्रयास शुरू किए. जिसके लिए क्रिप्टो करंसी एक्सचेंज बाइनेंस से संपर्क किया गया और MTFE के अकाउंट को फ्रीज करवाया गया.
कैसे हुई ठगी
क्रिप्टो में निवेश करने और कुछ दिनों में ही रुपए डबल हो जाने का लालच दिखा कर निवेशकों को इस पोंजी स्कीम से जोड़ा गया. एमटीएफई ने श्रीलंका क्रिकेट प्रीमियर लीग 2023 का स्पॉन्सर बनकर और प्रचार-प्रसार दिखाकर लोगों का भरोसा जीता. इसके बाद अलग-अलग क्षेत्र में कंपनी ने अपने एजेंट बनाए और क्रिप्टो करेंसी ऑनलाइन अकाउंट खोलने शुरू किए. कुछ दिनों तक निवेशकों को उनके बढ़ते हुए रुपए भी फर्जी ऑनलाइन अकाउंट पर दिखाए गए. रुपए डबल होने की उम्मीद में छोटा-मोटा काम करने वाले लोग अपनी सारी पूंजी लगाते चले गए. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार इस फर्जी कंपनी में देश में करीब 10 लाख से ज्यादा लोगों के एकाउंट है. जब मुनाफे का पैसा वापस लेने का समय आया तो इस फर्जी कंपनी का भंडाफोड़ हो गया.