हिमाचल में बादल फटने से 46 लोग अभी भी लापता, राजबन में दो शव मिले; बचाव कार्य जारी

हिमाचल प्रदेश में बुधवार मध्यरात्रि छह जगह बादल फटने से भारी तबाही मची। इस जलप्रलय में अब तक सात लोगों की मौत हो गई, जिनके शव बरामद कर लिए हैं, जबकि 46 लापता हैं। समेज में 36, बागीपुल व मंडी के राजबन में पांच-पांच लोग लापता हैं। चौहार घाटी के राजबन में शुक्रवार को सर्च अभियान के दौरान दो और शव बरामद हुए हैं। अब तक कुल पांच शव मिले हैं। पांच अभी लापता है। लापता लोगों को की तलाश के लिए सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ व अन्य टीमें जुटी हैं। एसपी साक्षी वर्मा ने कहा कि नौ व आठ वर्षीय लापता दो बच्चों के शव मिले हैं। रामपुर के समेज में भी शुक्रवार सुबह 6:00 बजे एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की ओर से बचाव अभियान शुरू हुआ। मौके पर इसडीएम रामपुर निशांत तोमर बचाव कार्य का निगरानी कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि बुधवार रात को कुल्लू जिले में नैन सरोवर, भीमडवारी, मलाणा, मंडी में राजबन, चंबा में राजनगर और लाहौल के जाहलमा में बादल फटे थे। बादल फटने से 47 घर, 10 दुकानें, 17 पुल, तीन स्कूल, एक डिस्पेंसरी, बस अड्डा, 30 वाहन, दो बिजली प्रोजेक्ट और एक बांध बह गया। उधर, श्रीखंड महादेव मार्ग पर भीमडवारी में करीब 250 लोग फंसे हुए हैं। ये लोग यात्रा पर निकले थे।

सीएम ने समेज पहुंचकर बादल फटने से हुए नुकसान का जायजा लिया
वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू शुक्रवार दोपहर को शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर व विधायक रामपुर नंद लाल के साथ समेज पहुंचे। इस दौरान सीएम ने बादल फटने से हुए नुकसान का जायजा लिया। साथ ही मौके पर जारी राहत एवं बचाव कार्य का निरीक्षण लिया। इस दौरान डीसी शिमला अनुपम कश्यप, डीसी कुल्लू तोरुल एस रवीश, एसपी शिमला संजीव गांधी, एनडीआरएफ के अधिकारी भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने एनडीआरएफ दल से राहत एवं बचाव कार्य की रिपोर्ट ली। साथ ही प्रभावित ग्रीनको हाइड्रो पॉवर प्रोजेक्ट का निरीक्षण किया। इस दौरान डीसी व एसपी ने मुख्यमंत्री को घटना की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने प्रभावितों से भी मुलाकात की और हर संभव मदद का आश्वासन दिया।

मलाणा पावर हाउस में फंसे चार कामगारों को सुरक्षित बचाया
जिला कुल्लू की पार्वती घाटी के मलाणा-वन जल विद्युत परियोजना में बादल फटने के बाद यहां फंसे चार कामगारों को सुरक्षित बचाया गया है। शुक्रवार सुबह एनडीआरएफ की टीम के साथ होमगार्ड के बचाव दल और छापेराम नेगी की अगवाई वाले एक निजी बचाव दल ने यहां पहुंचकर फंसे चारों लोगों को सुरक्षित नीचे उतारा। चारों लोग 31 जुलाई रात 10:00 बजे से यहां फंसे हुए थे। हालांकि 1 अगस्त को एनडीआरएफ की टीम रवाना हुई थी, लेकिन घटनास्थल तक नहीं पहुंच पाई थी।

राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी: सुक्खू
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बयान जारी कर कहा कि राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी है। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी मौके पर मौजूद हैं। आपदा में सड़क, पुल और जल आपूर्ति योजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं। हमारे जिन साथियों की जीवन लीला समाप्त हुई है,जो हमें छोड़कर चले गए हैं, उनके शवों के रिकवरी का काम जारी है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना और पुलिस की टीमें युद्धस्तर पर बचाव कार्य में लगी हुई हैं।

वहीं सतलुज नदी में बहकर आने वाले शवों की तलाश के लिए यहां से करीब 85 किलोमीटर दूर सुन्नी-तत्तापानी में की जा रही है। इसकी वजह यह है कि सतलुज नदी में बादल फटने और बाढ़ आने से जैसी घटना होने पर 90 फीसदी शव कोल डैम साइट में शिमला-मंडी जिले की सीमा पर स्थित दोगरी गांव के आसपास ही मिलते हैं।

इसको देखते हुए गुरुवार दोपहर से ही जिला पुलिस और प्रशासन की टीमें यहां डैम और नदी का पानी मिलने वाले क्षेत्र में शवों की तलाश में जुट गए हैं। यह अभियान एडीसी शिमला अभिषेक वर्मा की अगुवाई में चलाया जा रहा है। इसमें डीएसपी अमित ठाकुर समेत 30 से अधिक पुलिस के अधिकारी और कर्मचारियों सहित जिला प्रशासन की टीम भी शामिल हैं।

एक रात की बारिश ने बीते साल की आपदा का मंजर ताजा किया
इस मानसून ने एक रात की बारिश ने बीते साल की आपदा का मंजर ताजा किया। प्रदेश में सात घंटों में सामान्य से 305 मिलीमीटर ज्यादा बारिश रिकॉर्ड हुई है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने खराब मौसम को देखते हुए मंगलवार रात से रेड अलर्ट जारी किया था। भारी बारिश से कुल्लू-मनाली नेशनल हाईवे बंद हो गया । इसके अलावा भरमौर-पठानकोट एनएच ठप रहा जबकि मंडी-चंडीगढ़ एनएच 10 घंटे बाधित रहा। प्रदेश में कुल 455 सड़कें बंद हैं। 495 बस रूट ठप हैं। 983 पेयजल योजनाएं, 178 ट्रांसफार्मर बंद है। ब्यास का जलस्तर बढ़ने पर पंडोह डैम से पानी छोड़ना पड़ा। विभिन्न विभागों को 215 करोड़ का नुकसान हुआ है।

कंगना रणाैत बोलीं-पीएम ने राहत कोष से और मदद का आश्वासन दिया
मंडी से भाजपा सांसद कंगना रणाैत ने कहा- यह हमारे लिए बहुत दुखद बात है। पहाड़ों में रहने वाले लोगों का जीवन कठिन है। हर साल ऐसी त्रासदियां आती हैं और हिमाचलके लोगों की जान-माल को नुकसान पहुंचाती हैं। प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री ने सभी बातों की रिपोर्ट ली है और आश्वासन दिया है कि राहत कोष से और मदद की जाएगी। मैं भी अलग-अलग मंत्रियों से मिलकर यथासंभव मदद मांगूंगी। यहां मेरा काम पूरा होने के बाद मैं हिमाचल में लोगों से उनके कठिन समय में मिलने जाउंगी।

कुर्पण खड्ड पेयजल योजना को भारी क्षति, मुकेश अग्निहोत्री ने किया निरीक्षण
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने शुक्रवार को बाढ़ के कारण जिला शिमला की निर्माणाधीन बड़ी एवं महत्वाकांक्षी कुर्पण खड्ड पेयजल योजना के सोर्स का निरीक्षण किया। इस परियोजना पर 315 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं, योजना का निर्माण कार्य अंतिम दौर में चल रहा था। बादल फटने से आई बाढ़ ने योजना का पंप हॉउस, मशीनरी और टैंकों का नामोनिशान मिटा दिया। इस योजना को पुनः स्थापित करने के लिए विभाग के आला अधिकारियों को उचित दिशा-निर्देश दे दिए गए हैं। मुकेश अग्निहोत्री ने बागीपुल का भी दौरान किया। कहा कि करीब 30 करोड़ का शुरुआती नुकसान का आकलन है। लोक निर्माण विभाग अस्थायी पुल लगाने का बंदोबस्त कर रहा है।

प्रभावितों और पीड़ितों को फौरी राहत जारी, स्कूल को शिफ्ट किया जाएगा
 जिलाधीश कुल्लू तोरुल एस रवीश भी मौके पर पहुंची हैं। उन्होंने बताया कि प्राथमिक स्कूल न्यू कुंदन को अन्य सरकारी भवन में शिफ्ट करने के आदेश दिए गए हैं। जिलाधीश ने आदेश दिए है कि उपयुक्त स्थान का चयन किया जाए और माध्यमिक और वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला के बच्चों को भी अन्य स्कूल शिफ्ट किया जाएगा।  उन्होंने कहा कि कुल्लू जिला क्षेत्र के अधीन आने वाले प्रभावितों और पीड़ितों को फौरी राहत राशि जारी कर दी गई है । कहा कि 1 लाख 25 रुपये की राशि वितरित की गई। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में बिजली  आपूर्ति बहाल करने को तीव्र गति से काम चला है।  इस नौके पर एसडीएम निरमंड मनमोहन सहित अन्य अधिकारी और  स्थानीय लोग मौजूद रहे।

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