इंदौर में बेसमेंट में बनी दुकानों और बाजारों को तोड़ा जाएगा। इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने आदेश दिए हैं कि एक महीने के अंदर बेसमेंट में पार्किंग की जगह पर बनी दुकानें, कोचिंग और अन्य व्यावसायिक संस्थानों को हटा लिया जाए। एक महीने के बाद इन्हें प्रशासन की कार्रवाई में हटा दिया जाएगा।
क्यों लिया यह निर्णय
दिल्ली और जयपुर में हुई तेज बारिश के बाद दो बड़े हादसे हो गए हैं। दोनों शहरों में बेसमेंट में पानी भरने से एक बच्चे समेत सात लोगों की मौत हो गई है। इसी को ध्यान में रखते हुए इंदौर में भी प्रशासन ने यह निर्णय लिया है।
क्या टूटेंगे ये बाजार
प्रशासन के फैसले यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या इंदौर में हजारों दुकानें और बाजार तोड़े जाएंगे। इंदौर में नावेल्टी मार्केट, अपोलो टावर, इंद्रप्रस्थ टावर, राजानी भवन समेत अन्य सभी जगह हजारों दुकानें बेसमेंट में बनी हैं। राजवाड़ा, खजूरी बाजार, सीतलामाता बाजार, बर्तन बाजार, सराफा, जेल रोड, कपड़ा बाजार, अन्नपूर्णा, विजय नगर, तिलक नगर, एयरपोर्ट, एलआईजी, नंदा नगर, रीगल, छावनी समेत सभी क्षेत्रों में इस तरह की सैकड़ों दुकानें हैं।
क्या कहते हैं निगम के नियम, घरों के नीचे भी बनी हैं दुकानें
नगर निगम में बिल्डिंग परमिशन विभाग के मुख्य नगर निवेशक अधिकारी नीरज आनंद लिखार से इस विषय में बात की। लिखार ने कहा कि जहां पर भी बेसमेंट में दुकानें, बाजार बने हैं वह अवैध तरीके से बने हैं। नगर निगम इस तरह की कोई परमिशन नहीं देता है। लिखार ने कहा कि यदि घर के नीचे बेसमेंट में दुकान बनी है तो वह भी गलत है। घर के नीचे सिर्फ गोदाम बनाने की अनुमति देता है निगम।
अब तक क्या कर रहा था नगर निगम
बड़ा सवाल यह भी उठता है कि नगर निगम किसी हादसे के बाद ही क्यों जागता है। किसी भी हादसे के बाद तुरंत रिमूवल का आदेश जारी कर दिया जाता है। जहां पर भी बेसमेंट में पार्किंग की जगह बनी हुई है वहां पर निगम और ट्रैफिक पुलिस का अमला बाहर सड़क पर खड़ी गाड़ियां उठा लेता है। शहर में हर दिन हजारों गाड़ियां सड़क पर से उठाई जाती हैं। पार्किंग न होने से रोज हजारों लोग सड़कों पर गाड़ियां खड़ी करते हैं और उनके चालान कटते हैं।
दो दिन में सौ से ज्यादा कोचिंग, अस्पताल सील
नगर निगम की टीम ने दो दिन में सौ से ज्यादा संस्थानों को सील किया है। इनमें कोचिंग, अस्पताल, लाइब्रेरी, फूड जोन शामिल हैं। यह कार्रवाई लगातार की जाएगी और सभी जगह संस्थानों को सील करके सामान हटाने के लिए एक महीने का नोटिस दिया जा रहा है।