अक्सर बहुत से लोग बाहर घूमने जाते हैं. टिकट बुकिंग के खर्चे से लेकर होटल तक की बुकिंग होती है और भी खाने-पीने में काफी खर्च हो जाता है. लोग पहले से ही इसका एस्टीमेट बनाकर चलते हैं. लेकिन इस बीच ट्रैवल करते वक्त अगर कहीं कोई दुर्घटना हो जाती .है तो फिर आदमी का बजट बिगड़ जाता है.
इसीलिए लोग इसके लिए भी पहले से ही सिक्योरिटी का बंदोबस्त कर लेते हैं. अगर आप भी ट्रैवलिंग का प्लान बना रहे हैं तो आपके लिए भी जरूरी है ट्रैवल इंश्योरेंस. ट्रैवल इंश्योरेंस करवाने के बाद आप बहुत से अनचाही मुसीबत और खर्चे से बच सकते हैं. तो चलिए आपको बताते हैं ट्रैवल इंश्योरेंस में क्या-क्या चीज होती हैं कवर.
ट्रैवल इंश्योरेंस में कवर होती हैं यह चीजें
जब आप कहीं घूमने जाते हैं. और उस दौरान कोई अप्रत्याशित घटना हो जाती है. जिस वजह से आपका नुकसान हो जाता है. वहां ट्रैवल इंश्योरेंस काम आता है. ट्रैवल इंश्योरेंस में अगर आप देश के अंदर कहीं घूमने जा रहे हैं तो ऐसे में आपका सामान खो जाता है चोरी हो जाता है या फिर ट्रैवल करने में देरी के चलते आपको लाॅस होता है. या फिर किसी हादसे में किसी की जान चली जाती है तो ट्रैवल इंश्योरेंस द्वारा उसकी भरपाई की जाती है. आपको क्लेम दिया जाता है.
अगर कोई विदेश यात्रा करने जा रहा है वैसे में पासपोर्ट खो जाता है या फिर कोई और डॉक्यूमेंट खो जाता है. या प्लेन हाईजैक हो जाता है. या प्लेन में कोई दुर्घटना हो जाती है. या फिर तबीयत खराब हो जाती है. इन सब परिस्थितियों में आपको ट्रैवल इंश्योरेंस कवर करता है. सिर्फ आप ही नहीं बल्कि ट्रैवल इंश्योरेंस लेते वक्त आपके साथ जितने भी लोग यात्रा कर रहे होते हैं उन सबको कवर मिलता है.
इस तरह कर सकते हैं क्लेम
ट्रैवल इंश्योरेंस का क्लेम लेने के लिए आपको पॉलिसी के पूरे दस्तावेज और सर्पोटिंग डॉक्युमेंट्स साथ ले जाने होते हैं. या फिर आप इन दस्तावेजों अपने लैपटॉप या पेन ड्राइव में रख सकते हैं. ताकि जरूरत के समय पर आपको परेशान ना होना पड़े. अगर आपको एमरजैंसी सिचुएशन में क्लेम करना है तो आप सभी डाक्यूमेंट्स को इंश्योरेंस कंपनी को मेल करके उन्हें इस बारे में बता सकते हैं.
या फिर आप कंपनी के कस्टमर केयर पोर्टल पर कॉल करके क्लेम के लिए बात कर सकते हैं. अगर आप किसी दूसरे देश में है तो कंपनी आपको उसे देश में मौजूद अपने कार्यालय का नंबर दे सकती है. उसके बाद आपको अपनी पूरी परेशानी बतानी होती है. और साथ में सपोर्टिंग डॉक्यूमेंट्स भी लगाने होते हैं.