श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने संबंधी अनुच्छेद 370 और 35-ए को समाप्त करने के गत पांच अगस्त के निर्णय के बाद से कानून-व्यवस्था बनाये रखने के नाम पर हिरासत में लिये गये कई पूर्व मंत्रियों एवं विधायकों समेत विभिन्न दलों के नेताओं को ठहराने के नाम पर तीन माह में होटल का बिल 2.65 करोड़ रुपये पहुंचा, तब अधिकारियों के होश ठिकाने लगे। नेशनल कांफ्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और पीपुल्स कांफ्रेंस समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के 31 नेताओं को भारतीय पर्यटन निगम के सेंटॉर होटल में पिछले तीन माह से हिरासत में रखा गया है। होटल का बिल जब ढाई करोड़ के पार गया तो आलोचनायें शुरू हो गयीं, जिसके बाद अधिकारियों ने इन राजनीतिक बंदियों को वैकल्पिक स्थान पर भेजने का इंतजाम शुरू किया। आधिकारिक सूत्रों ने यूनीवार्ता को बताया कि अधिकारी होटल से हटाए गए राजनीतिक नेताओं को विश्व प्रसिद्ध डल झील के किनारे स्थानांतरित करने के लिए वैकल्पिक स्थानों की तलाश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि होटल में सर्दी से बचने की उचित व्यवस्था नहीं है और सर्दियों के दौरान नेताओं को इसमें रखना मुश्किल होगा, खासकर जब तापमान शून्य से कई डिग्री नीचे चला जाएगा।
झारखंड : नयी सरकार के शपथ ग्रहण के मद्देनजर बृहस्पतिवार को रांची के स्कूल रहेंगे बंद
झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में नयी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह के मद्देनजर रांची शहर में बृहस्पतिवार को स्कूल बंद रहेंगे। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी…