गुरु का हमारे जीवन में विशेष महत्व है.हिंदू धर्म में गुरु पूर्णिमा सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है. इस साल गुरु पूर्णिमा 21 जुलाई को मनाई जाएगी. इस दिन शिष्य अपने गुरुओं की पूजा करते हैं, उन्हें दान देते हैं और उनके बताए मार्ग पर चलने का प्रण लेते हैं.जैसे हमारी पहली गुरु हमारी मां हो या फिर स्कूल में पढ़ाने वाले वो शिक्षक जिन्होंने हम पर विशेष ध्यान देते हुए जीवन में कुछ बनने और आगे बढ़ने की सीख दी.
गुरु पूर्णिमा के दिन इन बातों का रखें ध्यान
गुरु पूर्णिमा के दिन अपने गुरु को उपहार दें और उनका आशीर्वाद लें इस दिन गुरु दक्षिणा देने का भी विधान है.
अपने शिक्षकों, गुरुओं के मार्गदर्शन के लिए उनका आभार व्यक्त करें.उपवास व संयम का पालन करें.
सत्संग, प्रवचन या किसी आध्यात्मिक सभा में शामिल हों. इस दिन भूलकर भी अपने गुरुओं का अनादर न करें.
अपने ज्ञान और अहंकार करने से बचें.अपने गुरुओं और पूर्वजों द्वारा दी गई शिक्षाओं और ज्ञान को याद रखें और उनका सम्मान करें.
अगर आपके जीवन में शिक्षकों के अलावा आपके माता-पिता, आपके जीवनसाथी या आपके दोस्तों ने भी आपको कोई अच्छी सीख दी है, तो उनको भी आभार व्यक्त करें. साथ ही उन्हें सम्मान प्रदान करें.
गुरु पूर्णिमा के अवसर पर हम ऐसे ही तमाम गुरुजनों को याद करते हुए, उन्हें धन्यवाद करते हुए और आभार व्यक्त करते हुए ये बधाई संदेश पहुंचा सकते हैं.उनके दिखाए सही रास्ते और उनकी दी अच्छी शिक्षा के लिए आभार भी जता सकते हैं.ऐसे में अगर आप भी अपने जीवन में उनकी अहमियत को व्यक्त करना चाहते हैं, तो गुरु पूर्णिमा के अवसर पर उन्हें कुछ संदेश भेज सकते हैं. हम यहां आपके लिए कुछ ऐसे ही संदेश लेकर आए हैं.
- गुरू ब्रह्मा गुरू विष्णु, गुरु देवो महेश्वरागुरु साक्षात परब्रह्म, तस्मै श्री गुरुवे नमः
- गुरु बिन ज्ञान न उपजै, गुरु बिन मिलै न मोषगुरु बिन लखै न सत्य को, गुरु बिन मैटैं न दोष
- गुरु समान दाता नहीं, याचक सीष समानतीन लोक की सम्पदा, सो गुरु दिन्ही दान
- गुरु की महिमा है अगम, गाकर तरता शिष्यगुरु कल का अनुमान कर, गढ़ता आज भविष्य
- करता करे ना कर सके, गुरु करे सब होयसात द्वीप नौ खंड में, गुरु से बड़ा ना कोय