भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण करीब 98 दिनों तक चले विवादित ऐतिहासिक भोजशाला के सर्वे की रिपोर्ट आज हाई कोर्ट इंदौर में पेश करेगी. एएसआई करीब 600 पेज की रिपोर्ट हाई कोर्ट को सौंप सकती है. हाई कोर्ट एएसआई की सर्वे रिपोर्ट के आधार पर आगामी 22 जुलाई को अगली सुनवाई करेगी.
इंदौर हाई कोर्ट ने 11 मार्च को भोजशाला में 500 मीटर के दायरे में वैज्ञानिक सर्वे कार्य करने का आदेश दिया था. 22 मार्च से 27 जून तक एएसआई ने कुल 98 दिनों तक भोजशाला परिसर में सर्वे का काम पूरा किया. सर्वे के दौरान खुदाई की फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी कराई गई, इसमें जीपीआर और जीपीएस की भी सहायता ली गई.
भोजशाला परिसर में हुई खुदाई मिली देवी-देवताओं की 37 मूर्तियां
रिपोर्ट के मुताबिक भोजशाला में एएसआई को सर्वे के दौरान खुदाई में हिंदू देवी-देवताओं की 37 मूर्तिया मिली हैं. एएसआई के अतिरिक्त महानिदेशक डा. आलोक त्रिपाठी के निर्देशन में हुए इस सर्वे में 1700 से ज्यादा पुरावशेष भी खुदाई में मिले हैं, इनमें खुदाई में मिली मां वाग्देवी की खंडित मूर्ति खास है, जो भोजशाला से लंदन ले जाई गई मूर्ति के समान ही बताई जा रही है.सर्वे के तहत की गई सफाई में भित्ति चित्र दिखाई दिए हैं.
कई देवताओं की हैं मूर्तियां, जैन तीर्थकरों की भी मूर्तिया मिली
एएसाई के सर्वे में मिले पुरावशेष के आधार पर हिंदू अनुयायी भोजशाला को मंदिर साबित कर रहे हैं.सर्वे में खुदाई में मिले पुरावशेषों में 37 मूर्तियों में भगवान श्रीकृष्ण, जटाधारी भोलनाथ, हनुमान, शिव, ब्रह्मा, वाग्देवी, भगवान गणेश, माता पार्वती, भैरवनाथ आदि देवी-देवताओं की मूर्तियां शामिल हैं. इनमें भगवान गणेश की दो मूर्तियां प्रमुख हैं. इनमें जैन तीर्थंकर की मूर्तियां भी शामिल है.