मध्य प्रदेश के दमोह में शमशान तक जाने का रास्ता भी अब आसान नहीं रहा. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि जिले के सिंग्रामपुर गांव में लोगों को अंतिम संस्कार के लिए घुटनों तक भरे नाले को पार करना पड़ रहा है, जिससे सरकार के विकास के दावों पर सवाल उठने लगे हैं. बरसात के मौसम में गांव में किसी की मौत हो जाने पर शव को श्मशान घाट तक ले जाने के लिए लोगों को नाले को पार करना पड़ता है, जो एक गंभीर समस्या बनी हुई है.
गांव के हालात बेहद गंभीर
दरअसल, सिंग्रामपुर गांव में जब भी बारिश होती है, नाले में पानी भर जाता है, जिससे श्मशान घाट तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है. गांव के लोगों को घुटनों तक पानी में उतरकर शव को नाले के पार ले जाना पड़ता है, जिससे अंतिम संस्कार के समय भी उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. इस स्थिति ने लोगों की परेशानियों को और बढ़ा दिया है.
लोगों ने उठाई पुल की मांग
ग्राम सिंग्रामपुर के लोगों ने मांग की है कि नाले पर एक रपटा पुल या स्टॉप डैम बनाया जाए, जिससे उन्हें ऐसी समस्याओं का सामना न करना पड़े. ग्रामीण विकास के दावों के बावजूद, इस समस्या का समाधान न होने से गांववासियों में असंतोष बढ़ रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन को इस मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए और जल्द ही समाधान निकालना चाहिए.
प्रशासन को सरोकार नहीं
यह घटना सरकार के ग्रामीण विकास के दावों पर सवाल खड़े करती है. ग्रामीण विकास की योजनाओं के बावजूद, सिंग्रामपुर ग्राम में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. यह स्थिति सरकार के विकास के दावों और जमीनी हकीकत के बीच के अंतर को स्पष्ट रूप से दिखाती है.
गांव में पक्की सड़क की दरकार
सिंग्रामपुर ग्राम की इस स्थिति ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा किया है कि क्या ग्रामीण विकास की योजनाएं वास्तव में गांवों तक पहुंच रही हैं? प्रशासन को इस समस्या का समाधान जल्द से जल्द करना चाहिए ताकि ग्रामीणों को इस कठिनाई का सामना न करना पड़े और वे अपने प्रियजनों का अंतिम संस्कार सम्मानपूर्वक कर सकें.