इंदौर में अनाथ बच्चों के एक आश्रम में संदिग्ध फूड प्वाइजनिंग के कारण चार बच्चों की मौत का मामला ठंडा भी नहीं हुआ है कि फौज में भर्ती की तैयारी कर रहे करीब 100 नौजवानों के दूषित खान-पान से बीमार होने का वाकया सामने आया है. ऐसी सिलसिलेवार घटनाओं से सतर्क प्रशासन ने शहर के सभी आश्रमों और छात्रावासों में परोसी जाने वाली खाने-पीने की चीजों की गुणवत्ता जांचने का आदेश दिया है और सात दिन के भीतर रिपोर्ट देने को कहा है.
30 छात्रों को अस्पताल में किया गया भर्ती
अनुविभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) घनश्याम धनगर ने बताया कि शहर के चितावद क्षेत्र में ‘‘इंदौर फिजिकल अकेडमी” के पांच छात्रावासों में रहने वाले करीब 100 नौजवानों में बुधवार को खाद्य विषाक्तता के प्राथमिक लक्षण मिले. उन्होंने बताया कि यह निजी प्रशिक्षण संस्थान नौजवानों को फौज में भर्ती की तैयारी कराता है. उन्होंने बताया कि डॉक्टरों ने लगभग 70 बीमार नौजवानों का छात्रावासों में इलाज किया, जबकि 30 नौजवानों को शासकीय महाराजा यशवंतराव अस्पताल में भर्ती किया गया.
हरकत में आया प्रशासन
धनगर के मुताबिक बीमार नौजवानों ने बताया कि उन्हें पिछले दो दिन से उल्टी-दस्त की समस्या हो रही है. एसडीएम ने बताया कि निजी प्रशिक्षण संस्थान के पांच छात्रावासों में कुल 450 नौजवान रहते हैं. उन्होंने बताया कि पांचों छात्रावासों से भोजन, राशन और पेयजल के नमूने लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं. अधिकारियों ने बताया कि खाद्य विषाक्तता के बढ़ते मामलों के मद्देनजर जिलाधिकारी आशीष सिंह ने शहर के सभी छात्रावासों और आश्रमों में भोजन और पेयजल की गुणवत्ता की जांच का आदेश दिया है.
उन्होंने बताया कि संबंधित क्षेत्रों के एसडीएम से इस जांच की रिपोर्ट सात दिन के भीतर मांगी गई है. अधिकारियों ने बताया कि शहर के श्री युगपुरुष धाम बाल आश्रम के चार बच्चों की संदिग्ध खाद्य विषाक्तता के कारण हुए संक्रमण से सोमवार और मंगलवार को मौत हो गई, जबकि इस संस्थान के 48 बच्चे अस्पताल में भर्ती हैं.