लखनऊ। उत्तर प्रदेश के हाथरस में ‘भोले बाबा’ के नाम से मशहूर नारायण साकार हरि के सत्संग के दौरान दर्दनाक हादसा हो गया। सिकंदराराऊ थाने के फुलवरिया में सत्संग में भगदड़ मचने से लगभग 150 से अधिक श्रद्धालुओं की मौत हो गई। वहीं 100 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। इस दुखद घटना के बाद चश्मदीदों ने इस हादसे की जो कहानी बताई है, उसे सुनकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। रोते-बिलखते लोग अपने परिवार के सदस्यों का शव ढूंढने के लिए अस्पताल में इधर से उधर भटकते हुए दिखे। कई लोगों ने आरोप भी लगाया कि अस्पताल में सिर्फ एक डॉक्टर के भरोसे इतने सारे लोगों का इलाज चल रहा है। सुनिए इस हादसे की पूरी कहानी उन लोगों की जुबानी जिन्होंने इस घटना को अपनी आंखों के सामने होते हुए देखा।
भगदड़ के बाद एक के एक ऊपर गिरे लोग
हाथरस सत्संग में हुए हादसे की चश्मदीद एक महिला ने बताया कि सत्संग खत्म होने के बाद लोगों में अचानक भगदड़ मच गई। लोग तेजी से भागने लगे और जान बचाने के लिए एक दूसरे के ऊपर गिरने लगे। लोगों ने खींच खींचकर उन्हें वहां से निकाला।
ट्रामा सेंटर में लगा लाशों का ढेर
मृतकों के परिजनों ने आरोप लगाया कि हाथरस के ट्रॉमा सेंटर सिकंदराऊ पर लाशों का ढेर लगा है। सिर्फ एक डॉक्टर मौजूद है। सत्संग स्थल से जो यहां आ रहा है, उसे रेफर कर दिया जा रहा है। न अस्पताल में ऑक्सीजन है और न ही कोई व्यवस्था है। पुलिस ने एक बंद रोड था जिसमें जाम लगा हुआ था, इसे देर रात खुलवा दिया। जिसकी वजह से यह हादसा हुआ।
चश्मदीद ने बताई दर्दनाक दास्तां
हादसे की चश्मदीद ज्योति ने बताया कि हम लोग सत्संग में गए। सत्संग में भारी भीड़ थी और निकलने के लिए जगह ही नहीं थी तो खेत की तरफ से निकलने की कोशिश कर रहे थे। वहां बहुत सारी बाइक खड़ी थी। यहां धक्का-मुक्की हो गई और पांव रखने के लिए जगह भी नहीं थी। अचानक हम जमीन पर गिर गए और लोग हमारे ऊपर से जाने लगे। यहां बहुत लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए।