इंदौर : प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि आज से लागू किये गये भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक संहिता एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम से अब हर किसी को समय पर सुलभ रूप से न्याय मिलेगा। न्याय में देरी नहीं होगी। दर्ज प्रकरणों में समय पर अनुसंधान होगा। समय पर प्रकरणों का निराकरण किया जायेगा। अनुसंधान, विवेचना, निर्णय, आदेश और अपील के लिये समय-सीमा का निर्धारण किया गया है। इसके लिये हर स्तर पर जवाबदेही भी तय की गई है। उक्त व्यवस्था महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी बड़ा कदम है। महिला एवं बच्चों को नए कानून में विशेष संरक्षण मिला है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि नए कानून एवं प्रावधानों से अब हम अंग्रेजी मानसिकता से बाहर आये है। अब हमारा कानून होगा। हमारे प्रावधान होंगे। पहले अंग्रेजों के शासन काल में बनाया गया कानून एवं प्रावधान चल रहे थे। अब स्वतंत्र भारत बनाया गया हमारे शासन का कानून एवं प्रावधान है। उन्होंने कहा कि अनुसंधान एवं कानूनी प्रक्रिया सरल हुई है। समाज को लाभ जरूर मिलेगा। कानून का दुरूपयोग भी रूकेगा।
कार्यक्रम में पुलिस कमिश्नर राकेश गुप्ता ने नए कानून एवं प्रावधानों की अवधारणा तथा इसके विभिन्न बिंदुओं की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अपराधिक न्याय प्रणाली में सुधार होगा। संगठित अपराध, आतंकवादी कृत्य, देशद्रोह, मॉबलिचिंग इत्यादि पर प्रभावी नियंत्रण किया जा सकेगा।
कार्यक्रम में विष्णु कुमार सोनी, एस.एन. सोनी, नरोत्तम कौरव आदि ने भी नए कानून एवं प्रावधानों के बारे में जानकारी दी। विधि क्षेत्र के विद्यार्थियों ने भी अपने विचार व्यक्त किये। सभी ने इस नए कानून एवं प्रावधानों की सराहना की। कार्यक्रम का संचालन पुलिस अधीक्षक रेल श्रीमती मनीषा सोनी पाठक ने किया।
विजयवर्गीय आज यहां पुलिस कमिश्नरेट इंदौर द्वारा नए कानून-नए प्रावधान, दण्ड से शीघ्र न्याय की ओर विषय पर आयोजित एक संवाद कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर महापौर पुष्यमित्र भार्गव, संभागायुक्त दीपक सिंह, पुलिस कमिश्नर राकेश गुप्ता, आईजी बीएसएफ बी.एस. रावत, कलेक्टर आशीष सिंह, रिटायर्ड डी.जे. विष्णु कुमार सोनी, शहर काजी डॉ. इशरत अली, वरिष्ठ समाजसेवी श्रीमती जनक पलटा सहित समाज के विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधि मौजूद थे। संवाद कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए विजयवर्गीय ने कहा कि नए कानून एवं प्रावधानों से नजरिये में परिवर्तन आयेगा। व्यवस्था के प्रति और अधिक विश्वास बढ़ेगा। न्याय में देरी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि नए कानून एवं प्रावधानों को प्रभावी रूप से लागू करना चाहिए। इसके लिये सभी स्तर पर सभी संबंधितों को विस्तृत प्रशिक्षण दिया जाये। साधन एवं सुविधाएं मुहैया कराई जाये।