पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में निम्न स्तर की जन सुविधाओं को लेकर विधायकों, नौकरशाहों और पुलिस अधिकारियों को फटकार लगाई है। उन्होंने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में लगभग हर जगह नागरिक सुविधाएं खत्म हो गई हैं। मुख्यमंत्री ने मंत्रियों, विधायकों और नौकरशाहों से सवाल किया, ‘क्या आप मुझसे राज्य की सड़कों पर झाड़ू लगाने की उम्मीद करते हैं?’
‘क्या मुझे सड़कों पर झाड़ू लगाने के लिए उतरना पड़ेगा?’
राज्य सचिवालय में अलग अलग नागरिक निकायों के कार्यों की समीक्षा करने के लिए बैठक का आयोजन किया गया था। नाराज मुख्यमंत्री ने इस दौरान एक मंत्री, एक पूर्व महापौर और कुछ नौकरशाहों को उनके दोयम दर्जे के कार्यों के लिए फटकार लगाई। इस दौरान ममता बनर्जी ने कहा ‘क्या मुझे अब सड़कों पर झाड़ू लगाने के लिए उतरना होगा? आपको आसमान की ओर नहीं बल्कि नीचे भी देखना होगा। किसी ने भी सड़कों और स्ट्रीट लाइटों की स्थिति पर गौर नहीं किया। पुलिस और नागरिक प्रशासन दोनों कुछ नहीं कर रहे।’
‘एक टीम करेगी नगर निकाय के अधिकारियों के कार्यों की समीक्षा’
तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने एलान किया कि नगर निकाय के अधिकारियों के कार्यों की समीक्षा एक टीम द्वारा की जाएगी। इस टीम में सतर्कता विभाग के अधिकारी, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था), एक अतिरिक्त पुलिस आयुक्त, सीआईडी के अधिकारी और निदेशक शामिल होंगे।
‘मुझे जबरन वसूली करने वाले अधिकारी नहीं चाहिए’
ममता बनर्जी ने बैठक में कहा ‘सरकार कुछ व्यक्तियों के कार्यों के लिए बदनामी नहीं झेलेगी। मुझे जबरन वसूली करने वाले अधिकारी नहीं बल्कि जनता के सेवक चाहिए। अगर जिम्मेदार अधिकारी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकते, तो उन्हें अपना पद छोड़कर चले जाना चाहिए।’ ममता बनर्जी ने चेतावनी दी कि आने वाले दिनों में, केवल उन लोगों को चुनाव लड़ने के लिए टिकट मिलेगा, जो लोगों के लिए काम करेंगे। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने अग्निशमन और आपातकालीन सेवा मंत्री सुजीत बोस को कोलकाता के पास राजारहाट इलाके में अतिक्रमण के लिए जिम्मेदार ठहराया। इसके अलावा उन्होंने हावड़ा के पूर्व मेयर रथिन चक्रवर्ती पर भी लापरवाही का आरोप लगाया था। बनर्जी ने उप-विभागीय अधिकारी अमृता रॉय बर्मन पर बल्ली नगर पालिका की उपेक्षा करने का भी आरोप लगाया।