भोपाल: मध्य प्रदेश में एक जुलाई के बाद सरकार तबादलों से लगभग 15 दिन के लिए प्रतिबंध हटा सकती है। पहले विधानसभा और इसके बाद लोकसभा चुनाव के कारण इस वर्ष प्रतिबंध लगा हुआ है। तबादला नीति घोषित करके विभागों को प्रशासनिक आधार पर तबादले करने का अधिकार विभागों को दिया जाएगा। तब तक मंत्रियों को जिला का प्रभार भी दे दिया जाएगा।
इनके अनुमोदन से जिले के भीतर तबादले होंगे। अभी मुख्यमंत्री समन्वय के माध्यम से ही वे ही तबादले हो रहे हैं, जो आवश्यक हैं। सरकार आमतौर पर प्रतिवर्ष मई-जून में तबादलों पर से प्रतिबंध हटाती है। इसमें अधिकतम 20 प्रतिशत तबादले करने के अधिकार विभागीय मंत्रियों को मिलते हैं। विधानसभा और फिर लोकसभा चुनाव के कारण तबादलों पर रोक लगी थी।
अब चुनाव संपन्न हो चुके हैं और जनप्रतिनिधियों से लेकर कर्मचारी संगठनों की मांग है कि कुछ दिनों के लिए तबादले पर लगी रोक को हटाया जाए। सूत्रों का कहना है कि एक जुलाई से विधानसभा का मानसून प्रारंभ होना है इस अवधि में तबादले करने से कार्य प्रभावित हो सकता है इसलिए सत्र समाप्त होने के बाद कुछ दिनों के लिए तबादलों पर लगी रोक हटाई जाएगी।
इस अवधि में केवल वे ही तबादला मुख्यमंत्री कार्यालय से पूछ बिना नहीं होंगे, जिन्हें मुख्यमंत्री समन्वय से आदेश लेकर हटाया गया था। दरअसल, प्रतिबंध अवधि में तबादले केवल मुख्यमंत्री समन्वय के माध्यम से ही हो सकते हैं। उधर, छिंदवाड़ा जिले के अमरवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव को देखते हुए यहां तबादले आचार संहिता के प्रभावी रहने के दौरान चुनाव आयोग की अनुमति के बिना नहीं होंगे।
कलेक्टर-कमिश्नर, एसपी-आइजी बदलेंगे
उधर, सरकार कलेक्टर-कमिश्नर, एसपी-आइजी भी बदलेगी। इसको लेकर सामान्य प्रशासन और पुलिस मुख्यालय स्तर पर तैयारियां भी प्रारंभ हो गई हैं। अब जो जमावट होगी, वह आगामी दो वर्ष के हिसाब से की जाएगी ताकि निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति हो सके। सूत्रों का कहना है कि मैदानी के साथ-साथ मंत्रालय स्तर पर भी अधिकारियों के दायित्व में परिवर्तन होगा।