लखनऊ. उत्तर प्रदेश के आईएएस अभिषेक सिंह ने सांसद बनने की चाह में इस्तीफा दे दिया था. मगर चाहत परवान नहीं चढ़ पाई. अब अभिषेक दोबारा नौकरी करना चाहते हैं. इसके लिए अभिषेक ने राज्य सरकार को प्रार्थना पत्र लिखा था. लेकिन योगी सरकार ने प्रार्थना पत्र अस्वीकार कर दिया है.
बता दें कि अभिषेक 2010 बैच की आईएएस अधिकारी और बांदा की डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल के पति हैं. वह फिल्म अभिनेत्री सनी लियोनी के साथ एलबम बनाने के बाद चर्चा में आए थे. उन्होंने जौनपुर से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा देकर भाजपा से टिकट की मांग की थी.
फिल्मों में बनाना चाह रहे थे कैरियर
आईएएस की नौकरी से इस्तीफा देकर फिल्मों में करियर बनाने में जुटे 2011 बैच के पूर्व आईएएस अफसर अभिषेक सिंह एक बार फिर आईएएस की सेवा में वापसी चाहते हैं. इसके लिए अभिषेक सिंह ने राज्य सरकार को पत्र लिखा है. आईएएस पद से इस्तीफा देकर बॉलीवुड में एंट्री करने में कोशिश कर रहे चर्चित पूर्व अधिकारी अभिषेक सिंह को नई दुनिया रास नहीं आई.
जौनपुर से मांगा था टिकट
अभिषेक सिंह ने योगी आदित्यनाथ सरकार को पत्र लिखा है ताकि उन्हें दोबारा उनकी नौकरी मिल जाए लेकिन योगी सरकार ने इस पर ब्रेक लगा दिया है. बता दें कि अभिषेक सिंह ने जौनपुर से टिकट मांगा था, लेकिन भाजपा ने यहां से कृपाशंकर सिंह को चुनावी मैदान में उतार दिया था. यहां सपा के बाबू सिंह कुशवाहा ने जीत हासिल की है.
क्या है इस्तीफे का नियम और प्रक्रिया?
केंद्रीय कर्मचारियों में भी इस्तीफे को लेकर प्रावधान हैं. फिर चाहें IAS क्यों न हों. ऑल इंडिया सर्विसेज के रूल 5(1) और 5(1)(A) में इस्तीफे से जुड़ा नियम कहता है कि अगर कोई ऑफिसर इस्तीफा देना चाहता है तो उसका इस्तीफा बिना शर्त होना चाहिए. आवेदन में साफ बताया जाना चाहिए कि इस्तीफे की वजह क्या है.
एक IAS अधिकारी की तैनाती जिस राज्य में होती है वो वहां के चीफ सेक्रेटरी को इस्तीफा भेजता है. जैसे- अभिषेक सिंह उत्तर प्रदेश के कैडर से हैं तो उन्होंने राज्य के चीफ सेक्रेटरी को इस्तीफा सौंपा था. इसी तरह IPS राज्य के सर्वोच्च पुलिस अधिकारी या DGP को इस्तीफा सौंपते हैं.
इस्तीफा मंजूर किया जाए या नहीं, ये दोनों अधिकारी अपनी मर्जी से यह तय नहीं कर सकते. इसके लिए उन्हें केंद्र सरकार से मंजूरी लेनी होगी. राज्य सरकार उस अधिकारी का इस्तीफा, विजिलेंस स्टेटस और उसकी ड्यू रिपोर्ट केंद्र तो भेजती है. एक आईएएस के इस्तीफे को मंजूरी DOPT यानी डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग देता है. वहीं, आईपीएस के इस्तीफे को गृह मंत्रालय और आईएफएस के रेजिग्नेशन को पर्यावरण मंत्रालय मंजूरी देता है.
क्या होगी वापसी?
ऑल इंडिया सर्विसेज के अफसर जैसे IAS और IPS इस्तीफा वापस ले सकते हैं, लेकिन उसके लिए भी नियम हैं. ऐसे ऑफिसर्स अगर वापसी करना चाहते हैं तो उन्हें 90 दिनों के अंदर इस्तीफा वापस लेना होगा. इसके लिए उन्हें बकायदा लिखिततौर पर आवेदन करना होगा.
कुछ स्थितियां ऐसी भी हैं जब इस्तीफा वापस नहीं हो सकता. ऑल इंडिया सर्विस रूल्स कहता है कि अगर किसी अधिकारी ने इस मंशा के साथ इस्तीफा दिया है कि वो राजनीतिक दल से जुड़ेगा या चुनाव में हिस्सा लेगा तो उसे इस्तीफा वापस लेने का भी अधिकार नहीं दिया जाएगा.नियम कहता है कि इस्तीफा मंजूर होने और प्रॉसेस पूरी होने के बाद उसकी वापसी नहीं हो सकती. अगर उनका इस्तीफा मंजूर न हुआ तो संभावना थी कि उसे वापस ले सकें या रुकवा सकें. अब इस्तीफा मंजूर हो चुका है, इसलिए वापसी का सवाल नहीं उठता.