मंगलवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे देवेंद्र फडणवीस, भाजपा के 10 विधायक भी बनेंगे मंत्री: सूत्र

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मुंबई। महाराष्ट्र में भाजपा ने अगली सरकार के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। देवेंद्र फडणवीस मंगलवार को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। उनके साथ भाजपा के 10 विधायक भी मंत्री पद की शपथ लेंगे। प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील और विधायक प्रसाद लाड ने शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां शुरू कर दी हैं। कार्यक्रम के लिए अतिथियों की सूची भी तैयार की जा चुकी है। भाजपा के एक विश्वस्त सूत्र ने शुक्रवार को यह जानकारी दी है।

फडणवीस ही मुख्यमंत्री होंगे-लाड

वहीं भाजपा विधायक प्रसाद लाड ने शुक्रवार सुबह शिवसेना प्रवक्ता संजय राऊत के बयान को उनका व्यक्तिगत बयान बताया है।                                       

प्रसाद लाड ने कहा कि सरकार गठन के बारे में चर्चा करने के लिए शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ही अधिकृत व्यक्ति हैं। उद्धव ठाकरे समझदार हैं और वह सोच-समझ कर निर्णय लेंगे। प्रसाद लाड ने भी कहा कि आगामी दो-चार दिन में फडणवीस मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि भाजपा व शिवसेना दोनों मिलकर आगामी दो-चार दिन में सरकार का गठन करेंगी और फडणवीस ही मुख्यमंत्री होंगे। अगर राज्य में सरकार का गठन नहीं हो सका तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है। भाजपा की प्राथमिकता राज्य में चुनी हुई सरकार का गठन करने की है।

सरकार का गठन किया जाना चाहिए-राकांपा

राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि राज्य में किसी भी हालत में चुनी हुई सरकार का गठन किया जाना चाहिए। भाजपा सबसे बड़ा दल है इसलिए उसे सरकार का गठन करना चाहिए। दूसरी स्थिति में अगर शिवसेना भाजपा के बिना सरकार बनाना चाहती है तो उसे सरकार बनाने के लिए राकांपा सहयोग कर सकती है। हालांकि कांग्रेस अभी भी शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाने के लिए तैयार नहीं है।

क्या है सीटों का हाल

हाल में संपन्न विधानसभा चुनाव में भाजपा 105, शिवसेना 56, राकांपा 54, कांग्रेस 44, बहुजन विकास आघाड़ी 03, एआईएमआईएम 02, माकपा 01, सपा 02, पीजेपी 02 और निर्दलीयों ने 13 सीटें जीती हैं। राज्य विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं। बहुमत का जादुई आंकड़ा 146 है।

इस तर्ज पर होगा सरकार का गठन

वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 122 और शिवसेना को 63 सीटें मिली थीं। भाजपा और शिवसेना का चुनाव पूर्व गठबंधन नहीं हो सका था इसलिए दोनों अलग-अलग चुनाव लड़ी थीं। चुनाव बाद भाजपा ने अपने बल पर सरकार का गठन किया था। शिवसेना ने सरकार गठन के वक्त भाजपा का साथ नहीं दिया था। विश्वासमत पर मतदान के दौरान कांग्रेस और राकांपा के सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गए थे। इस कारण फडणवीस सरकार बिना शिवसेना के समर्थन के ही विश्वासमत जीत गयी थी। विश्वासमत जीतने के 12 दिन बाद शिवसेना ने सरकार को समर्थन दिया और सरकार में भी शामिल भी हुई। बताया जा रहा है कि उसी तर्ज पर इस बार भी राज्य में सरकार का गठन होगा। शिवसेना देर-सबेर सरकार का समर्थन कर देगी। भाजपा नेताओं को भरोसा है कि शिवसेना को बाद में मना लिया जाएगा। 

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