देश में इन दिनों चुनावी मौसम चल रहा है। विभिन्न राजनैतिक दलों के नेता विरोधियों के खिलाफ बयानबाजी कर एक-दूसरे की पोल खोलने में लगे हैं। इसी बीच, भाजपा की नेता नवनीत राणा के ’15 सेंकड लगेगा’ वाले एक बयान पर अब विवाद खड़ा हो गया है। राणा के ओवैसी भाइयों पर दिए बयान पर एआईएमआईएम नेता वारिस पठान ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि वह समझ गई हैं कि वह बुरी तरह से हार रही हैं, इसलिए यह सब बकवास कर रही हैं।
यह है मामला
दरअसल, भाजपा प्रत्याशी माधवी लता के समर्थन में जनसभा को संबोधित करते हुए नवनीत राणा ने एआईएमआईएम प्रमुख और हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी और उनके भाई पर जमकर निशाना साधा था। राणा ने बिना नाम लिए कहा था, ‘छोटा भाई बोलता है कि 15 मिनट के लिए पुलिस को हटा दो फिर हम दिखाते हैं, हम क्या करते हैं तो मैं उनको कहना चाहती हूं कि छोटे भाईसाहब आपको तो 15 मिनट लगेंगे, लेकिन हमें सिर्फ 15 सेंकड लगेंगे। 15 सेकंड के लिए अगर पुलिस को हटाया तो छोटे-बड़े को यह पता भी नहीं चल पाएगा कि वे कहां से आए और कहां गए।’ इसका एक वीडियो भी राणा ने अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट किया है। साथ ही उन्होंने इसमें दोनों ओवैसी बंधुओं को भी टैग किया है।
वारिस पठान का राणा पर पलटवार
भाजपा नेता नवनीत रवि राणा की ’15 सेकंड लगेगा’ वाली टिप्पणी पर एआईएमआईएम नेता वारिस पठान ने कहा, ‘नवनीत राणा को समझ आ गया है कि वह इस बार अमरावती से बुरी तरह हार रही हैं। वह इस झटके, इस सदमे को सहन करने में असमर्थ है और इसलिए वह यह सब बकवास कर रही हैं।’
उन्होंने पूछा, ‘अगर पुलिस को 15 सेकंड के लिए हटा दिया जाए तो आप क्या करेंगे? सभी मुस्लिमों को मार डालेंगे? पुलिस प्रशासन क्या कर रहा है? अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई? चुनाव आयोग क्या कर रहा है? क्या चुनावों में ऐसे बयानों की अनुमति है? हम चाहेंगे कि चुनाव आयुक्त इस बयान पर संज्ञान लें और कड़ी कार्रवाई करें।’
उन्होंने कहा कि भाजपा अपनी ओछी हरकत पर उतर आया है। उसे एहसास हो गया है कि इस बार उनके लिए 200-250 सीटें पार करना मुश्किल है।
जानें कौन हैं माधवी लता
डॉ. माधवी विरिंची हॉस्पिटल की चेयरपर्सन हैं। वह सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय रहती हैं। अस्पताल की चेयरपर्सन होने के अलावा माधवी लता भरतनाट्यम डांसर भी हैं। हैदराबाद में वह सामाजिक कामों के लिए भी जानी जाती हैं। वह ट्रस्ट और संस्थाएं हेल्थकेयर, शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रही हैं। वह लोपामुद्रा चैरिटेबल ट्रस्ट और लतामा फाउंडेशन की प्रमुख हैं।
जानें हैदराबाद सीट का इतिहास
हैदराबाद सीट पर सन् 1984 से ही ओवैसी परिवार का कब्जा रहा है। इसे ओवैसी का गढ़ माना जाता है। असदुद्दीन ओवैसी के पिता सुल्तान सलाउद्दीन ओवैसी 1984 में पहली बार इस सीट से सांसद बने थे। 2004 तक वह सांसद रहे और इसके बाद अब यह सीट असदुद्दीन ओवैसी के पास है।