इंदौर:मलेरिया इंस्पेक्टर को रिश्वत मामले में हुआ 4 साल का सश्रम कारावास

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इंदौर। मंगलवार को विशेष जज यतीन्द्र कुमार गुरू की कोर्ट ने इंदौर के मलेरिया इंस्पेक्टर को रिश्वत मामले में दोषी पाते हुए 4 साल के सश्रम कारावास व 15 हजार रुपये अर्थदंड की सज़ा सुनाई है।


आरोपी का नाम रामप्रसाद गोलानी है जो जूनियर मलेरिया इंसपेक्टर, जिला मलेरिया कार्यालय पालिका प्लाजा , एमटीएच कम्पाउण्ड इंदौर में पदस्थ था।


गत एक जुलाई 2016 को आवेदिका मेघा पिता गोपाल मेहता निवासी धार ने इंदौर लोकायुक्त में शिकायत की थी कि उनकी माताजी मनोरमा दीक्षित 31 अक्टूबर 14 को मलेरिया निरीक्षक के पद से सेवानिवृत्त हुई थी। उनका पेशन प्रकरण तैयार करने एवं समयमान वेतनमान , ग्रेज्यूटी व जमा अर्जित अवकाश की राशि को आहरित करने के लिये आरोपी रामप्रसाद द्वारा रिश्वत की मांग की जा रही थी ।

आवेदिका ने इस रिश्वत की मांग की बातचीत को अपने मोबाईल की मेमोरी कार्ड में टेप कर ली थी और लोकायुक्त में शिकायत कर दी। इसके बाद लोकायुक्त टीम ने आरोपी को दस हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों पकडा।

रिश्वत राशि आरोपी के पेंट से जप्त हुई थी। कोर्ट ने आज आरोपी को दोषी पाकर 04 वर्ष सश्रम कारावास तथा 15 हजार रू0 अर्थदण्ड से दण्डित किया गया । प्रकरण में लोकायुक्त संगठन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक जी0पी0 घाटिया द्वारा की गई ।

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