अब नहीं हो पाएगी बैंकिंग धोखाधड़ी,वित्त मंत्रालय की तरफ से उठाया गया कड़ा कदम, Cyber Fraud को रोकने के लिए।

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आजकल के बढ़ते साइबर फ्रॉड को देखते हुए वित्त मंत्रालय की तरफ से एक सख्त कदम उठाया गया है जिसके फल स्वरुप बैंकिंग फ्रॉड को रोका जा सकता है। दरअसल ग्रामीण क्षेत्र में अभी बहुत से लोग ऐसे रहते हैं जिन्हें बैंकिंग के बारे में बहुत ज्यादा जानकारी नहीं है और बैंकिंग फ्रॉड के चलते उन्हे टारगेट बनाया जाता है। इस तरह की बढ़ते हुए खतरे को देखकर वित्त मंत्रालय की तरफ से बैंकों को सख्त निर्देश दिए गए हैं। आईए जानते हैं क्या है पूरा मामला।

केवाईसी की प्रक्रिया में की जाएगी सख्ती

हाल ही में हुए BOB World app के घोटाले के साथ साथ अन्य साइबर फ्रॉड को देखते हुए वित्त मंत्रालय में ने बैंकों को सख्त निर्देश दिया है कि वो अपनी केवाईसी की प्रक्रिया में सख्ती बरतें।

मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो बैंको को सख्त निर्देश मिले हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ दूरदराज के इलाकों में मौजूद बैंकिंग सेवाएं देने वाले मर्चेंट और बैंकिंग एजेंट को अपनी शाखा में जोड़ने से पहले इनकी बारीकी से चेकिंग करनी चाहिए, ताकि इनकी विश्वसनीयता सुनिश्चित की जा सके। इसे बैंकिंग सेक्टर में होने वाली धोखाधड़ी पर रोक लग पाएगी।

ऐसे की जाए डेटा की सुरक्षा
मर्चेंट और बैंकिंग एजेंट्स के पास उपलब्ध डेटा की Security अब अनिवार्य है। दरअसल अधिकतर फ्रॉड इसी स्तर पर होते हैं क्योंकि उनके डेटा पर सेंध लगाई जाती है। अगर कहीं धोखाधड़ी हुई भी है तो उसके एटीएम को भी ब्लॉक कर देना चाहिए ताकि आगे धोखाधड़ी रोकी जा सके।

कितने हुए फ्रॉड?
साइबर फ्रॉड को रोकने के लिए हाल ही में अंतर मंत्रालयी बैठक का आयोजन किया गया था। इस बैठक के दौरान यह सामने आया कि वर्ष 2023 के NCRB के डेटा के अकॉर्डिंग कुल 11,28,265 फाइनेंशियल Cyber Fraud किये गए। इसके तहत 7,488.63 करोड़ रुपये का फ्रॉड किया गया।

Cyber Crime Coordination Centre की हुई स्थापना
केंद्र सरकार के वित्तीय मंत्रालय की तरफ से भारत में साइबर क्राइम को रोकने के लिए Cyber Crime Coordination Centre (भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र) की स्थापना की गयी, जिसके जरिए मजबूती से इस समस्या से निपटा जा सकेगा। इसके अलावा अवैध फाइनेंशियल ऐप पर भी रोक लगाने के बारे में विचार किया जा रहा है,

जिसके लिए जल्द ही डिजिटल इंडिया ट्रस्ट एजेंसी की स्थापना की जा सकती है। ये एजेंसी उन Apps का सत्यापन करेगी जो लोन प्रोवाइड करते हैं। जो Apps सत्यापित हो जाएंगे उन्हें ही लोगों के लिए जारी किया जाएगा।

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